जिलास्तरीय समान परीक्षा योजना के तहत अर्द्धवार्षिक परीक्षा 12 दिसम्बर से शुरू होगी। परीक्षा को लेकर शनिवार को नोडल केन्द्र पर परीक्षा प्रश्र पत्रों का वितरण किया गया। प्रथम पारी परीक्षा सुबह 9.45 से 1 बजे व द्वितीय पारी परीक्षा दोपहर 1.45 से 5 बजे तक आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि कक्षा 9 की परीक्षा द्वितीय पारी में 12 दिसम्बर को अंग्रेजी, 13 को हिन्दी, 14 को तृतीय भाषा संस्कृत व उर्दू, 15 को फाउण्डेशन ऑफ इन्फो टेक्रो, 17 को राजस्थान अध्ययन, 18 को गणित, 19 को स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा, 21 को सामाजिक विज्ञान व 24 को विज्ञान, कक्षा 10 की प्रथम पारी में 12 को अंग्रेजी, 13 को हिन्दी, 14 को संस्कृत व उर्दू, 15 को फाउण्डेशन ऑफ इन्फो, 17 को राजस्थान अध्ययन, 18 को गणित, 19 को स्वास्थ्य व शारीरिक शिक्षा, 21 को सामाजिक विज्ञान, 24 को विज्ञान, कक्षा 11 की परीक्षा द्वितीय पारी में 12 को अंग्रेजी, 13 को प्रथम पारी में चित्रकला व द्वितीय में कम्प्यूटर, 14 को भौतिक विज्ञान, लेखाशास्त्र व राजनीति विज्ञान, 15 को हिन्दी, 17 को इतिहास, व्यवसायिक अध्ययन व रसायन विज्ञान, 18 को गणित ऐच्छिक व अंग्रेजी साहित्य, 19 को लोक प्रशासन व गूह विज्ञान, 20 को अर्थशास्त्र व कृषि विज्ञान, 21 को प्रथम पारी में टंकण हिन्दी व द्वितीय में भूगोल, जीव विज्ञान, 22 को प्रथम पारी में टंकण अंग्रेजी व द्वितीय पारी में हिन्दी साहित्य, उर्दू साहित्य, राजस्थानी साहित्य, 24 को प्रथम पारी में राजस्थान अध्ययन व द्वितीय पारी में समाज शास्त्र व संस्कृत, कक्षा 12 की परीक्षा 12 को प्रथम पारी में अंग्रेजी, 13 को कम्प्यूटर व द्वितीय पारी में चित्रकला, 14 को भौतिक विज्ञान, लेखाशास्त्र व राजनीति विज्ञान, 15 को हिन्दी, 17 को इतिहास, व्यवसायिक अध्ययन, रसायन विज्ञान, 18 को गणित व अंग्रेजी साहित्य, 19 को लोक प्रशासन, गृह विज्ञान, 20 को अर्थशास्त्र व कृषि विज्ञान, 21 को भूगोल व जीव विज्ञान, द्वितीय पारी में टंकण हिन्दी, 22 को प्रथम पारी में हिन्दी साहित्य व उर्दू साहित्य, द्वितीय पारी में टंकण अंग्रेजी, 24 को प्रथम पारी में समाजशास्त्र व संस्कृत साहित्य व द्वितीय पारी में राजस्थान अध्ययन की परीक्षा होगी।
शनिवार, 8 दिसंबर 2012
अर्द्धवार्षिक परीक्षा 12 दिसम्बर से
जिलास्तरीय समान परीक्षा योजना के तहत अर्द्धवार्षिक परीक्षा 12 दिसम्बर से शुरू होगी। परीक्षा को लेकर शनिवार को नोडल केन्द्र पर परीक्षा प्रश्र पत्रों का वितरण किया गया। प्रथम पारी परीक्षा सुबह 9.45 से 1 बजे व द्वितीय पारी परीक्षा दोपहर 1.45 से 5 बजे तक आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि कक्षा 9 की परीक्षा द्वितीय पारी में 12 दिसम्बर को अंग्रेजी, 13 को हिन्दी, 14 को तृतीय भाषा संस्कृत व उर्दू, 15 को फाउण्डेशन ऑफ इन्फो टेक्रो, 17 को राजस्थान अध्ययन, 18 को गणित, 19 को स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा, 21 को सामाजिक विज्ञान व 24 को विज्ञान, कक्षा 10 की प्रथम पारी में 12 को अंग्रेजी, 13 को हिन्दी, 14 को संस्कृत व उर्दू, 15 को फाउण्डेशन ऑफ इन्फो, 17 को राजस्थान अध्ययन, 18 को गणित, 19 को स्वास्थ्य व शारीरिक शिक्षा, 21 को सामाजिक विज्ञान, 24 को विज्ञान, कक्षा 11 की परीक्षा द्वितीय पारी में 12 को अंग्रेजी, 13 को प्रथम पारी में चित्रकला व द्वितीय में कम्प्यूटर, 14 को भौतिक विज्ञान, लेखाशास्त्र व राजनीति विज्ञान, 15 को हिन्दी, 17 को इतिहास, व्यवसायिक अध्ययन व रसायन विज्ञान, 18 को गणित ऐच्छिक व अंग्रेजी साहित्य, 19 को लोक प्रशासन व गूह विज्ञान, 20 को अर्थशास्त्र व कृषि विज्ञान, 21 को प्रथम पारी में टंकण हिन्दी व द्वितीय में भूगोल, जीव विज्ञान, 22 को प्रथम पारी में टंकण अंग्रेजी व द्वितीय पारी में हिन्दी साहित्य, उर्दू साहित्य, राजस्थानी साहित्य, 24 को प्रथम पारी में राजस्थान अध्ययन व द्वितीय पारी में समाज शास्त्र व संस्कृत, कक्षा 12 की परीक्षा 12 को प्रथम पारी में अंग्रेजी, 13 को कम्प्यूटर व द्वितीय पारी में चित्रकला, 14 को भौतिक विज्ञान, लेखाशास्त्र व राजनीति विज्ञान, 15 को हिन्दी, 17 को इतिहास, व्यवसायिक अध्ययन, रसायन विज्ञान, 18 को गणित व अंग्रेजी साहित्य, 19 को लोक प्रशासन, गृह विज्ञान, 20 को अर्थशास्त्र व कृषि विज्ञान, 21 को भूगोल व जीव विज्ञान, द्वितीय पारी में टंकण हिन्दी, 22 को प्रथम पारी में हिन्दी साहित्य व उर्दू साहित्य, द्वितीय पारी में टंकण अंग्रेजी, 24 को प्रथम पारी में समाजशास्त्र व संस्कृत साहित्य व द्वितीय पारी में राजस्थान अध्ययन की परीक्षा होगी।
शनिवार, 24 नवंबर 2012
मदरसा का शिलान्यास कल
जायल ग्राम बरनेल स्थित गरीब नवाज कॉलोनी दांता में मदरसा फेजे हसनेन करीमेन का शिलान्यास 25 नवम्बर को सांय 4 बजे महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री मंजूदेवी मेघवाल करेगी। मदरसा सचिव मौलाना याकूब खान शेरानी ने बताया कि कृषि मण्डी उपाध्यक्ष रामकरण लोमरोड़ की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष तिलोकराम रोज, सरपंच चुकलीदेवी, बड़ीखाटू सरपंच धनराज पाराशर, शेरानीआबाद सरपंच जेतुन बानो, छोटीखाटू सरपंच कल्याणसिंह सहित कई जनप्रतिनिधि भाग लेंगे।
शनिवार, 10 नवंबर 2012
अधिकारी पेयजल समस्या समाधान का प्रयास नहीं कर रहे
सुवादियाबास के आम गुवाड़ में खुदी पेयजल ट्यूबवेल एक माह से खराब पड़ी है जिससे वाशिंदे पेयजल को तरस रहे है। युवा कांग्रेस उपाध्यक्ष मूलाराम डूकिया, युवा मंच अध्यक्ष झुमरराम डूकिया, शिवजीराम डूकिया, दिनेश डूकिया, जगराम रेवाड़, वार्ड पंच सुरेश डूकिया, संजय डूकिया, कैलाश जाखड़ सहित युवा कार्यकताओं ने आज शनिवार को नायब तहसीलदार द्वारका प्रसाद शर्मा को उपखण्ड अधिकारी के नाम ज्ञापन देकर दीपावली पर्व पर ट्यूबवेल चालू करवाने का आग्रह किया गया। प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि एक माह से ट्यूबवेल खराब है जिससे आमजन सहित पशूधन पेयजल को तरस रहे है। बार-बार आग्रह के बावजूद विभागीय अधिकारी पेयजल समस्या समाधान का प्रयास नहीं कर रहे है।
सोमवार, 5 नवंबर 2012
2 बीएलओ गैरहाजिर
मतदाता सूची संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम को लेकर रविवार को विभागीय अधिकारियों ने मतदान केन्द्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान दो शिक्षक अनुपस्थित मिले। जानकारी के अनुसार रविवार को विशेष कार्यक्रम के तहत सभी बूथ लेवल अधिकारी को संबधित मतदान केन्द्र पर उपस्थित रहकर मतदाता सूची में नाम जोडऩे, हटाने व संशोधन संबधी दावे व आपत्तियां प्राप्त करनी थी। तहसीलदार गोपालसिंह यादव ने मतदान केन्द्रों का सघन निरीक्षण किया।
शुक्रवार, 26 अक्टूबर 2012
शादियों की तैयारियां शुरू
जायल- त्यौहार की सीजन के साथ अब शहनाईयों की गूँज भी जल्द ही सुनाई देगी। शादियों को लेकर जहां ग्रामीण लोग तैयारियों में जुटे हुए है। वही व्यवसायी भी शादियों की बुंकिग को लेकर कमर कसे हुए है। दशहरे के बाद अब दीपोत्सव के कुछ ही दिन शेष है। दीपावली के बाद से ही शादियों की सीजन शुरू होने वाली है| जिस कारण अभी से बैंड-बाजा और बारात की तैयारियां शुरू हो गई। विवाह स्थल, कैटरिंग, घोडिय़ों, फोटोग्राफर, हलवाई की बुकिंगों का सिलसिला चल पड़ा है। विशेष तौर से उन लोगों में अधिक भागदौड है, जिनकी शादियां अचानक तय हुई है।
मंगलवार, 4 सितंबर 2012
बिजली कंपनियों में 496 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन आज से
बिजली कंपनियों में लेखाकार और कनिष्ठ लेखाकार के 496 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया मंगलवार से शुरू होगी। सभी कंपनियों में इन पदों को मिलाकर 6785 पदों की भर्ती प्रक्रिया प्रस्तावित है। सर्वाधिक 5259 पद टेक्निकल हैल्पर के हैं।
डिस्कॉम के मुख्य कार्मिक अधिकारी आरके शर्मा ने बताया कि डाटा एंट्री ऑपरेटर के 807 पदों पर भर्ती होगी। इसी प्रकार लेखाकार के 210, कनिष्ठ लेखाकार के 286, कॉमर्शियल असिस्टेंट प्रथम के 75, कॉमर्शियल असिस्टेंट द्वितीय के 148 पद हैं।
डिस्कॉम के मुख्य कार्मिक अधिकारी आरके शर्मा ने बताया कि डाटा एंट्री ऑपरेटर के 807 पदों पर भर्ती होगी। इसी प्रकार लेखाकार के 210, कनिष्ठ लेखाकार के 286, कॉमर्शियल असिस्टेंट प्रथम के 75, कॉमर्शियल असिस्टेंट द्वितीय के 148 पद हैं।
For Online Application Contact
Marudhar Communication (Marudhar Offset,)
Old Bus Stand, Jayal
मंगलवार, 14 अगस्त 2012
‘तिरंगे’ की पूरी कहानी
मैं आपका अपना ‘राष्ट्रीयध्वज’ बोल रहा हूं। मेरे बारे में आपको संपूर्ण जानकारी नहीं दी गई। क्यों नहीं दी गई? कौन जिम्मेदार है? यह प्रश्न यहां आचित्यहीन है। अत: मैं स्वयं आपके सामने आया हूं। अपने बारे में आप सभी को बताने के लिए गुलामी की काली स्याह रात अंतिम प्रहर जब स्वतंत्रता के सूर्य के निकलने कासंकेत प्रभातबेला ने दिया, उस दिन 22 जुलाई 1947 को भारत की संविधान के सभा कक्ष में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने मुझे विश्व एवं भारत के नागरिकों के सामने प्रस्तुत किया। यह मेरा जन्म पल था।
मुझे भारत का राष्ट्रीयध्वज स्वीकार कर सम्मान दिया। इस अवसर पर पंडित नेहरू ने बड़ा मार्मिक हृदयस्पर्शी भाषण भी दिया तथा मानवीय सदस्यों के समक्ष मेरे दो स्वरूप एक रेशमी खादी एवं दूसरा सूती खादी से बना ध्वज प्रस्तूत किया। सभी ने कर्तल ध्वनि के साथ मुझे स्वतंत्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार किया। आजादी के दीवानों के बलिदान व त्याग की लालीमा मेरे रंगों में बसी है। इन्हीं दीवानों के कारण मेरा जन्म संभव हुआ।
14 अगस्त 1947 की रात 10.45 बजे काउंसिल हाऊस के सेंट्रल हॉल में श्रीमति सुचेता कुपलानी के नेतृत्व में वंदे मातरम् के गायन से कार्यक्रम शुरू हुआ। संविधान सभा के अध्यक्ष डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद व पंडित जवाहरलाल नेहरू के भाषण हुए। इस पश्चात श्रीमति हंसाबेन मेहता द्वारा अध्यक्ष मेरा सील्क वाला स्वरूप सौंपा गया।
श्रीमति हंसाबेन मेहता ने कहा कि- "आजाद भारत में पहला राष्ट्रध्वज जो इस सदन में फहराया जाएगा, वह भारतीय महिलाओं की ओर से इस राष्ट्र को एक उपहार है।" सभी लोगों के समक्ष यह मेरा पहला प्रदर्शन था। सारे जहां से अच्छा व जन-गण-मन के सामूहिक गाने के साथ यह समारोह सम्पन्न हुआ। 23 जून 1947 को मुझे आकार देने के लिए एक अस्थाई समिति का गठन हुआ था। इसके अध्यक्ष राजेंद्रप्रसाद तथा समिति में उनके साथ थे अब्दूल कलाम आजाद, के.एम.पाणीकर, श्रीमति सरोजिनी नायडू, के.एस.मुंशी, श्री राजगोपालाचारी और डॉ.बी.आर.अम्बेडकर। विस्तुत विचार-विमर्श के बाद मेरे बारे में निर्णय लिया गया और संविधान सभा में स्वीकृति प्राप्ती हेतु पंडित जवाहरलाल नेहरू को अधिकृत किया, जिन्होंने 22 जुलाई 1947 को सभी की स्वीकृति प्राप्त की और मेरा जन्म हुआ।
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने मेरे मान बताए, जिन्हें आपको जानना जरूरी है (जिसका उल्लेख भारतीय मानक संस्थान के क्रमांक आई.एस.आई.1-1951 संशोधन 1968 में किया गया) उन्होंने कहा कि भारत का राष्ट्रध्वज समतल तिरंगा होगा एवम आयातकार होकर इसकी लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 2:3 होगा। तीन समान रंगों की आड़ी पट्टीका होगी। सबसे ऊपर केशरिया, मध्य में सफेद तथा नीचे हरे रंग की पट्टी होगी। सफेद रंग की पट्टी पर मध्य में सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ का 24 सलाकाओं वाला चक्र होगा, जिसका व्यास सफेद रंग की पट्टी की चौड़ाई के बराबर होगा।
मेरे (राष्ट्रध्वज) के निर्माण में जो वस्त्र उपयोग में लाया जाएगा, वह खादी का होगा तथा यह सूती, ऊनी या रेशमी भी हो सकता है, लेकिन शर्त यह होगी कि राष्ट्रध्वज का सूत हाथ से काता जाएगा एवं हाथ से बुना जाएगा। इसमें हथकरधा सम्मिलित है। सिलाई के लिए केवल खादी के धागों का ही प्रयोग होगा। आपको बताऊं मेरे कपड़े का निर्माण स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के एक समूह द्वारा पूरे देश में एकमात्र उत्तरी कर्नाटक जिला धारावाड़ के गरग नामक गांव जो बंगलौर-पूना रोड पर स्थित है, वहां किया जाता है।
इसकी स्थापना 1954 में हुई। नियमानुसार राष्ट्रीय ध्वज के खादी के एक वर्ग फिट कपड़े का वजन 205 ग्राम होना चाहिए, हाथ से बनी खादी, जिसका प्रयोग राष्ट्रध्वज के निर्माण के लिए होता है, वह यहीं केंद्र है। परंतु अब राष्ट्र ध्वज का निर्माण क्रमश: अर्डिनेस क्योरिंग की फैक्टरी शाजापुर, खादी ग्रामोद्योगआयोग बंबई एवं खादी ग्रामोद्योग दिल्ली में होने लगा है। निजी निर्माताओं द्वारा भी राष्ट्रध्वज निर्माण पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन राष्ट्रीयध्वज के गौरव और गरिमा को दृष्टीगत रखते हुए यह जरूरी है कि केवल आई एस आई (भारतीय मानक संस्थान) की मोहर लगी हो।
मेरे (राष्ट्रीय ध्वज) के रंगों का अर्थ स्पष्ट किया कि केशरिया रंग-साहस और बलिदान का, सफेद रंग-सत्य एवं शांति का, हरा रंग-श्रद्धा और शौर्य का प्रतीक होगा तथा 24 सलाकों वाला नीला चक्र 24 घंटे सत्त प्रगति और प्रगति भी ऐसी जैसे कि नीला अनंत विशाल आकाश एवं नीला अथाह गहरा सागर। आपको लगता है कि आप भी अपने घरों व दुकानों पर राष्ट्रध्वज वर्षभर फहराए, लेकिन जब तक मेरे मान-सम्मान सहित फहराने का ज्ञान प्रत्येक नागरिक को न हो जाए, तब तक आपको यह छूट कैसे दी जाए? अब आपको वैद्यानिक रूप से 365 दिन (वर्षभर) ससम्मान ध्वजारोहण सूर्योदय के समय करके, सूर्यास्त के समय ससम्मान उतार सकते हैं, लेकिन मोटरकारों पर साधारण नागरिक को राष्ट्रीयध्वज फहराने पर प्रतिबंध है।
रविवार, 12 अगस्त 2012
सुशील कुमार ने जीता रजत पदक और देश का दिल
भारत के सुशील कुमार यहां चल रहे ओलिंपिक में 66 किलोग्राम फ्री स्टाइल कुश्ती के फाइनल में जापान के पहलवान तासुहिरो योनेमित्सु से हार गए। तासुहिरो ने सुशील को 3-1 से हराया।
सुशील कुमार गोल्डन फाइट भले ही हार गए लेकिन रजत पदक जीतकर उन्होंने देश का दिल जीत लिया।
वहीं ओलिंपिक गोल्डन मैच फाइट से ठीक पहले सुशील की तबियत बिगड़ गई थी। उन्हें डिहाईड्रेशन की शिकायत हो गई थी भारतीय रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष राजसिंह ने कहा, 'फाइनल से ठीक पहले सुशील की तबियत खराब हो गई थी। सुशील को दो बार बॉथरूम भी जाना पड़ा था। सेमिफाइनल मुकाबले में सुशील को चोट भी लगी थी जिसके कारण वो उदास भी थे। सुशील कुमार ने अनफिट होते हुए भी फाइट लड़ी।'
ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने पर हरियाणा सरकार सुशील कुमार को अकेडमी खोलने के लिए जमीन और ढेड़ करोड़ रुपये का नकद इनाम देगी। यही नहीं दिल्ली सरकार ने भी सुशील कुमार को एक करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है।
शनिवार, 11 अगस्त 2012
शुक्रवार, 10 अगस्त 2012
कृष्ण जन्माष्टमी पर मोदी ने उठाया गौहत्या का मुद्दा
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गौहत्या के मुद्दे को अपने ब्लॉग के जरिए उठाकर यूपीए पर निशाना साधने की कोशिश की है।
मोदी ने अपने ताजा ब्लॉग कहा है कि 'पिंक रिवोल्यूशन' के जरिए यूपीए भारत को विश्व का सबसे बड़ा बीफ एक्सपोर्टर बनाना चाहता है जबकि गाय को भारत में धार्मिक रूप से अहम दर्जा प्राप्त है।
अपने ताजा ब्लॉग पोस्ट में मोदी ने पहले तो देशवासियों को कृष्ण जन्माष्टमी की बधाइयां दी और फिर गौहत्या को मुद्दा बनाकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। मोदी ने अपने ब्लॉग में कहा कि भगवान कृष्ण को भी गायों से प्रेम था।
मोदी ने कहा, 'मझे यह देखकर दुख होता है कि केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व में चल रही यूपीए सरकार गौहत्या को बढ़ावा दे रही है और भारत में पिंक रिवोल्यूशन शुरु करना चाह रही है। हमारी संस्कृति और इतिहास हमें गाय मां की हत्या करना नहीं सिखाता है लेकिन दुख की बात यह है कि यूपीए को भारत की संस्कृति की चिंता नहीं है। महात्मा गांधी और आचार्य विनोवा भावे ने गाय को बचाने के लिए भरसक प्रयास किए लेकिन मौजूदा सरकार उनके सबक को भूल गई है।'
मोदी ने कहा, हमारी मौजूदा पीढ़ि को घी-दूध नहीं मिल रहा है और हमारे बच्चे को पोषण नहीं मिल पा रहा है और यह सरकार गौ हत्या को बढ़ावा दे रही है। मोदी ने कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर लोगों से गौरक्षा करने की अपील भी की।
मोदी ने कहा, हमारी मौजूदा पीढ़ि को घी-दूध नहीं मिल रहा है और हमारे बच्चे को पोषण नहीं मिल पा रहा है और यह सरकार गौ हत्या को बढ़ावा दे रही है। मोदी ने कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर लोगों से गौरक्षा करने की अपील भी की।
यह सही है कि जल्द ही भारत बीफ एक्सपोर्ट में विश्व में नंबर एक पर हो सकता है लेकिन मोदी यह भूल गए की भारत में भैंसों के मीट को एक्सपोर्ट करने के मामले में आगे है न की गाय के।
गौरतलब है कि देशभर में भैंसों गायों का स्थान ले रहीं हैं। इसका कारण यह है कि भैंसें दूध भी ज्यादा देती हैं और भैंसों के काटने पर भी कोई पाबंदी नहीं है। चौंकाने वाली बात यह है कि गायें उन प्रदेशों में सबसे कम पाली जा रहीं हैं जिनमें गायों के काटने पर पाबंदी हैं।
गुरुवार, 9 अगस्त 2012
कृष्ण जन्माष्टमी कल
श्री कृष्णजन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जनमोत्स्व है। योगेश्वर कृष्ण के भगवद गीता के उपदेश अनादि काल से जनमानस के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करते रहे हैं। जन्माष्टमीभारत में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी इसे पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। श्रीकृष्ण ने अपना अवतार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि को अत्याचारीकंस का विनाश करने के लिए मथुरा में लिया। चूंकि भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे अत: इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इसीलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा नगरी भक्ति के रंगों से सराबोर हो उठती है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन मौके पर भगवान कान्हा की मोहक छवि देखने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आज के दिन मथुरापहुंचते हैं। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मथुरा कृष्णमय हो जात है। मंदिरों को खास तौर पर सजाया जाता है। ज्न्माष्टमी में स्त्री-पुरुष बारह बजे तक व्रत रखते हैं। इस दिन मंदिरों में झांकियां सजाई जाती है और भगवान कृष्ण को झूला झुलाया जाता है। और रासलीला का आयोजन होता है।
11 माह में बिजली का यह दूसरा झटका
जयपुर। छीजत, चोरी व कुप्रबंधन के चलते घाटे में डूबी बिजली कम्पनियों ने एक बार फिर अपना भार जनता पर डाल दिया है। बिजली की दरें 25 पैसे से 80 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ा दी गई हैं। घाटे को कम करने के लिए बिजली चोरी रोकने की कोई कवायद करने के बजाय ईमानदारी से बिल भरने वाले उपभोक्ताओं पर ही ठीकरा फोड़ दिया गया। आम जनता की जेब पर 11 माह के अंतराल में बिजली का यह दूसरा झटका है। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली कम्पनियों की दरों की समीक्षा याचिका पर बुधवार को फैसला सुनाते हुए बिजली के दामों में करीब 18.58त्न की बढ़ोतरी की है।
घरेलू उपभोक्ता पर सर्वाधिक मार
आयोग के फैसले की सर्वाधिक मार घरेलू उपभोक्ताओं पर पड़ी है, जिनके अंतिम स्लेब में 80 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाए गए हैं। उद्योगों पर भी 50 पैसे प्रति यूनिट तक की बढ़ोतरी की गई है। बिजली कम्पनियों के गठन के बाद ये चौथी बार दरों में बढ़ोतरी की गई है।
किसानों व गरीबों का भार उठाएगी सरकार-गहलोत
यूं तो किसानों पर 25 पैसे प्रति यूनिट और बीपीएल पर प्रथम 50 यूनिट पर 50 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी का भार डाला गया था। मगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा की है कि ये भार सरकार सब्सिडी के रूप में वहन करेगी। गरीब परिवारों और किसानों को पुरानी दर पर ही बिजली मिलती रहेगी। सरकार के मुताबिक नई दरों के बावजूद किसानों, बीपीएल परिवारों व 50 यूनिट तक उपभोग करने वाले परिवारों समेत कुल 56.47 लाख उपभोक्ताओं पर कोई भार नहीं पड़ेगा।
घरेलू उपभोक्ता पर सर्वाधिक मार
आयोग के फैसले की सर्वाधिक मार घरेलू उपभोक्ताओं पर पड़ी है, जिनके अंतिम स्लेब में 80 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाए गए हैं। उद्योगों पर भी 50 पैसे प्रति यूनिट तक की बढ़ोतरी की गई है। बिजली कम्पनियों के गठन के बाद ये चौथी बार दरों में बढ़ोतरी की गई है।
किसानों व गरीबों का भार उठाएगी सरकार-गहलोत
यूं तो किसानों पर 25 पैसे प्रति यूनिट और बीपीएल पर प्रथम 50 यूनिट पर 50 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी का भार डाला गया था। मगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा की है कि ये भार सरकार सब्सिडी के रूप में वहन करेगी। गरीब परिवारों और किसानों को पुरानी दर पर ही बिजली मिलती रहेगी। सरकार के मुताबिक नई दरों के बावजूद किसानों, बीपीएल परिवारों व 50 यूनिट तक उपभोग करने वाले परिवारों समेत कुल 56.47 लाख उपभोक्ताओं पर कोई भार नहीं पड़ेगा।
सोमवार, 6 अगस्त 2012
संस्कृत विद्यालय को क्रमोन्नत करवाने के लिए उच्चस्तर तक बात पहुंचाई जाएगी
जायल। संस्कृत भाषा को देववाणी व सभी भाषाओं की जननी कहा जाता है लेकिन संस्कृत शिक्षा के प्रति सरकारी बेरूखी के चलते विद्यार्थी संस्कृत शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते
है । जायल का संस्कृत उच्च प्राथमिक विद्यालय वर्षो से प्रवेशिका माध्यमिक स्तर तक क्रमोन्नति की बाट जो रहा है। राजोद रोड सुवादियाबास में 1995 में स्थापित संस्कृत विद्यालय में 85 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। उच्च प्राथमिक के बाद संस्कृत शिक्षण की व्यवस्था नहीं होने पर अधिकांश विद्यार्थी चाहकर भी संस्कृत में अध्ययन नहीं कर पाते हैं।
विद्यालय में चार शिक्षक कार्यरत है लेकिन चहार दीवारी के अभाव में आवारा पशु घुस आते है । पौधरोपण व खेल मैदान सहित कई संसाधन चहार दीवारी के अभाव में बाधित हैं। प्रधानाध्यापक गणपत मेघवाल ने बताया कि विद्यालय को प्रवेशिका माध्यमिक स्तर तक क्रमोन्नत करवा दिया जाए तो अध्ययनरत विद्यार्थी सहित नए विद्यार्थी भी संस्कृत में अध्ययन कर सकते हंै। शिक्षक मदनलाल स्वामी ने बताया कि संस्कृत शिक्षण के लिए कई युवा इच्छुक हैं लेकिन शिक्षण सुविधा के अभाव में अध्ययन नहीं कर पाते हैं। माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के अभाव में महज उच्च प्राथमिक स्तर तक संस्कृत शिक्षा प्राप्त करने से कोई फायदा नहीं मिल रहा है।
संस्कृत शिक्षा के प्रति उपेक्षा
जानकारी के अनुसार जिलेभर में संस्कृत शिक्षण के लिए वरिष्ठ उपाध्याय उज्ज माध्यमिक स्तर तक महज दो व प्रवेशिका माध्यमिक स्तर तक के तीन विद्यालय है । संस्कृत शिक्षा के अभाव में जिले के विद्यार्थी संस्कृत शिक्षक, पांडित्य, वेद उपनिषद व परम्परागत ज्ञान, ज्योतिष, आयुर्वेद सहित अनेक विधाओं की जानकारी व रोजगार से वंचित रह रहे हैं। इस संबंध में एनएसयूआई ब्लॉक अध्यक्ष पवन बटेसर ने बताया कि संस्कृत विद्यालय को क्रमोन्नत करवाने के लिए राज्यमंत्री सहित उच्चस्तर तक बात पहुंचाई जाएगी।
क्षेत्रवासियों को संस्कृत शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए संगठन अभियान शुरू करेगा। छात्र नेता सुरेश लोमरोड़ ने बताया कि सरकार उर्दू शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष करोड़ों रूपए खर्च कर रही है लेकिन परम्परागत संस्कृत भाषा की उपेक्षा कर रही है। जिले में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए व्यापक जनआन्दोलन शुरू किया जाएगा। भाजयुमो के मण्डल उपाध्यक्ष गोविन्द चतुर्वेदी व नेहरू युवा मण्डल अध्यक्ष ललित खण्डेलवाल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर संस्कृत पाठशाला को क्रमोन्नत करवाने का आग्रह किया है।
Source : Patrika
विद्यालय में चार शिक्षक कार्यरत है लेकिन चहार दीवारी के अभाव में आवारा पशु घुस आते है । पौधरोपण व खेल मैदान सहित कई संसाधन चहार दीवारी के अभाव में बाधित हैं। प्रधानाध्यापक गणपत मेघवाल ने बताया कि विद्यालय को प्रवेशिका माध्यमिक स्तर तक क्रमोन्नत करवा दिया जाए तो अध्ययनरत विद्यार्थी सहित नए विद्यार्थी भी संस्कृत में अध्ययन कर सकते हंै। शिक्षक मदनलाल स्वामी ने बताया कि संस्कृत शिक्षण के लिए कई युवा इच्छुक हैं लेकिन शिक्षण सुविधा के अभाव में अध्ययन नहीं कर पाते हैं। माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के अभाव में महज उच्च प्राथमिक स्तर तक संस्कृत शिक्षा प्राप्त करने से कोई फायदा नहीं मिल रहा है।
संस्कृत शिक्षा के प्रति उपेक्षा
जानकारी के अनुसार जिलेभर में संस्कृत शिक्षण के लिए वरिष्ठ उपाध्याय उज्ज माध्यमिक स्तर तक महज दो व प्रवेशिका माध्यमिक स्तर तक के तीन विद्यालय है । संस्कृत शिक्षा के अभाव में जिले के विद्यार्थी संस्कृत शिक्षक, पांडित्य, वेद उपनिषद व परम्परागत ज्ञान, ज्योतिष, आयुर्वेद सहित अनेक विधाओं की जानकारी व रोजगार से वंचित रह रहे हैं। इस संबंध में एनएसयूआई ब्लॉक अध्यक्ष पवन बटेसर ने बताया कि संस्कृत विद्यालय को क्रमोन्नत करवाने के लिए राज्यमंत्री सहित उच्चस्तर तक बात पहुंचाई जाएगी।
क्षेत्रवासियों को संस्कृत शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए संगठन अभियान शुरू करेगा। छात्र नेता सुरेश लोमरोड़ ने बताया कि सरकार उर्दू शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष करोड़ों रूपए खर्च कर रही है लेकिन परम्परागत संस्कृत भाषा की उपेक्षा कर रही है। जिले में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए व्यापक जनआन्दोलन शुरू किया जाएगा। भाजयुमो के मण्डल उपाध्यक्ष गोविन्द चतुर्वेदी व नेहरू युवा मण्डल अध्यक्ष ललित खण्डेलवाल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर संस्कृत पाठशाला को क्रमोन्नत करवाने का आग्रह किया है।
Source : Patrika
शनिवार, 4 अगस्त 2012
20 सितम्बर को प्रदेशभर गौ विज्ञान अनुसंधान एवं सामान्य ज्ञान परीक्षा
गौ विज्ञान अनुसंधान एवं सामान्य ज्ञान परीक्षा को लेकर शुक्रवार को कार्यकर्ताओं ने विभिन्न शिक्षण संस्थानों में सम्पर्क कर विद्यार्थियों से परीक्षा में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। कार्यकर्ता माणकचन्द भाटी व बजरंगपुरी ने बताया कि 20 सितम्बर को प्रदेशभर में परीक्षा आयोजित की जाएगी।
40 करोड़ की राशि स्वीकृत करवाने का आग्रह
जायल। महानरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायतों ने स्वीकृत कार्य तो पूर्ण करवा दिए लेकिन लम्बे समय से भुगतान नहीं मिला है। जिला सरपंच संघ एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष तिलोकराम रोज के नेतृत्व में शुक्रवार को सरपंच प्रतिनिघियों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर निर्माण कार्यों का बकाया भुगतान दिलवाने का आग्रह किया है।
प्रतिनिघिमण्डल ने ज्ञापन में बताया कि जिले भर की ग्राम पंचायतों में महानरेगा के तहत करवाए गए पक्के कार्यो का भुगतान लगभग दो साल से बकाया चल रहा है। उन्होंने जिले भर में बकाया चल रहे लगभग 40 करोड़ की राशि स्वीकृत करवाने का आग्रह किया है।
रविवार, 29 जुलाई 2012
गुटखे से भी खतरनाक पान मसाला
जयपुर.बाजार में जीरो टोबेको के नाम से बिक रहे मशहूर ब्रांडों के पान मसाला भी गुटखा और तंबाकू जितने ही खतरनाक हैं। इनमें गुटखा और तंबाकू उत्पादों से कहीं ज्यादा मात्रा में निकोटिन पाया गया है, जबकि यह जीरो प्रतिशत होना चाहिए। यह खुलासा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सिफारिश पर केंद्रीय तंबाकू अनुसंधान संस्थान (सीटीआरआई) राजमुंदरी की जांच रिपोर्ट में हुआ।
सीटीआरआई ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सिफारिश पर बाजार में मौजूद पान मसाला, तंबाकू और गुटखा उत्पादों के सैंपल लेकर निकोटिन की मात्रा की जांच की थी। रजनीगंधा में 2.26 प्रतिशत निकोटिन पाया गया, जो सभी सैंपलों में सबसे ज्यादा था। महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा ने पान मसाले पर भी पाबंदी लगाई है, लेकिन राजस्थान में सिर्फ गुटखा बैन हुआ है।
यहां नीम के पेड से बरसता है अनाज
जायल। देखने सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन यदि प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो यह सच है। जी हां यहां नीम के पेड़ से अनाज गिरता है और वष्ाोü से ऎसा होता आ रहा है। नागौर जिले के गुगरियाली गांव में लोग इस घटना के गवाह हैं और नीम के पेड़ से अनाज गिरने की घटना को यहां के लोग बरसात के लिए शगुन के तौर पर देखते हैं। ग्रामीणों के अनुसार इस बार फिर ऎसा हुआ है और उन्हें अच्छे जमाने की आस बंध गई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गुगरियाली में दोपहर लगभग 2.30 बजे मांगीलाल लुहार नीम के पेड़ के नीचे खाट पर आराम कर रहा था कि पेड़ से अचानक बाजरे की बारिश होने लगी। वो हड़बड़ाकर उठ खड़ा हुआ, लेकिन उन्हें जरा भी आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि वे इस घटना का कई बार सामना कर चुके हैं। उनका कहना है कि जब जब इस पेड़ ने बाजरा बरसाया है तब तब अच्छी बरसात हुई है।
पेड़ से बाजरे की बरसात सुन मौके पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई। ग्रामीण महावीरसिंह ने बताया कि गुरूवार दोपहर लगभग 2.30 बजे गांव के गुवाड़ के पास नीम के पेड़ से अचानक अनाज की बारिश हुई। पड़ौसी बच्चों ने ज्यों ही शोर शराबा किया, अनाज की बारिश रूक गई। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। एक घंटे बाद फिर अनाज की बारिश हुई। शिक्षक सीताराम प्रजापत ने बताया कि वर्षो से नीम के पेड़ से अनाज की बारिश देखकर ग्रामीण अच्छे जमाने के शगुन मनाते हैं।
क्या कहते हैं बुजुर्ग
इस संबध में सेवानिवृत शिक्षक कल्याणसिंह ने बताया कि बचपन से गांव के इस नीम के पेड़ से अनाज गिरने की घटना देख रहे हैं। ऎसा देखने में आया कि जब-जब नीम के पेड़ से शगुन नहीं मिले, भीषण अकाल का सामना करना पड़ा। गांव के ही 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला लिछमादेवी ने बताया कि अनाज गिरने की घटना कब से शुरू हुई इसका तो अंदाज नहीं, लेकिन जब से ब्याह कर इस गांव में आई तब से ऎसा देख रही हैं। अनाज गिरने की तिथि तय नहीं है। बुजुर्ग ग्रामीण शिवकरण बाटण ने बताया कि जो अनाज पहले या ज्यादा मात्रा में गिरता है उसी अनाज की उपज ज्यादा होती है। गुरूवार को पहले बाजरे से शुरूआत हुई। फिर मोठ, मंूग, तिल, ग्वार गिरने शुरू हुए।
शुक्रवार, 27 जुलाई 2012
लंदन ओलंपिक का आगाज आज
लंदन। शुक्रवार को पूरे विश्व की नजरें लंदन की ओर लगीं होंगी। यहां के ओलंपिक स्टेडियम में 30वें ओलंपिक खेलों का रंगारंग आयोजन भारतीय समयानुसार रात 1.00 बजे से होगा। समारोह के समन्वयक ऑस्कर पुरस्कार विजेता निर्देशक डैनी बॉयल हैं। इस कार्यक्रम के जरिये ब्रिटेन पूरे विश्व को अपनी कलात्मकता, सौंदर्य और मेजबान शहर की संस्कृति से रूबरू कराएगा। इस उद्घाटन समारोह को "द आइल ऑफ वंडर" का नाम दिया गया है, जो विलियम शेक्सपीयर ने नाटक "द टेम्पेस्ट" से प्रेरित है। समारोह की शुरूआत में सबसे पहले विशालकाय घंटी बजेगी।
इसके साथ ही ग्रामीण ब्रिटेन का माहौल स्टेडियम में नजर आएगा। बॉयल उद्घाटन समारोह के कला निर्देशक हैं। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष जैक्स रोगे मेजबान देश की प्रमुख महारानी एलिजाबेथ की स्टेडियम के द्वार पर आगवानी करेंगे। ओलंपिक में शिरकत करने वाले सभी देशों के एथलीट वर्णानुक्रम के अनुसार परेड करते हुए स्टेडियम में आएंगे।
हालांकि इसमें ग्रीस सबसे पहले और मेजबान ब्रिटेन के एथलीट सबसे आखिर में होंगे। लंदन ओलंपिक आयोजन समिति के प्रमुख सेबेस्टियन को, आईओसी प्रमुख जैक्स रोगे के संक्षिप्त भाषण के बाद महारानी एलिजाबेथ को ओलंपिक खेलों की विधिवत शुरूआत की घोषणा के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसके साथ ही ओलंपिक स्टेडियम में लगी कॉल्ड्रन को ओलंपिक मशाल से प्रज्वलित किया जाएगा। शुरूआत की
घोषणा के बाद स्टेडियम में ओलंपिक ध्वज भी लहराया जाएगा। मेजबान देश के एक प्रतिनिधि खिलाड़ी, प्रशिक्षक और निर्णायक द्वारा शपथ ग्रहण की जाएगी। इधर उद्घाटन से एक दिन पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने कहा है कि हमारी सबसे बड़ी चिंता सुरक्षित ओलंपिक का आयोजन है। यह मसला किसी भी अन्य से महत्वपूर्ण है। मैं समझता हूं कि हमने जितनी संभव थी उतनी तैयारियां कर ली हैं।
मैं समझता हूं कि हमारे पास बहुत अच्छी आकस्मिक योजनाएं हैंं। कैमरन ने कहा, प्रधानमंत्री होने के नाते मुझे हमेशा से लगता रहा कि यह ऎसा क्षेत्र है जिसकी मुझे व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेनी चाहिए। कैमरन ने यह जवाब अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार मिट रोमने के इस बयान पर दी कि उन्हें सुरक्षा को लेकर चिंताजनक रिपोर्ट मिल रही हैं। कैमरन ने कहा कि ब्रिटेन में शांतिकालीन के दौरान यह ब्रिटेन में सबसे बड़ा सुरक्षा ऑपरेशन है। उन्होंने कहा, हमारी पहली प्राथमिकता लोगों को सुरक्षित रखना है।
समारोह में खास
कला निर्देशन ऑस्कर विजेता फिल्म निर्देशक डैनी बॉयल ने किया है।
डेनियल क्रेग समेत कई सितारे और 10000 से ज्यादा कलाकार परफॉर्म करेंगे।
भारतीय संगीतकार ए.आर. रहमान भी प्रस्तुति देंगे।
खेलों में खास
10,490 एथलीट ओलम्पिक में हिस्सा ले रहे हैं
302 पदकों के लिए 26 खेलों में प्रतिस्पर्द्धा होगी
9.3 अरब पाउंड का खर्च इन खेलों के आयोजन पर
सोमवार, 16 जुलाई 2012
पूरे प्रदेश में मनरेगा के काम अब सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक चलेंगे
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी के तहत चल रहे सभी कार्यों का समय बदल कर अब सुबह 9 से कर दिया है। यह नई व्यवस्था सोमवार से पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई है। जोधपुर जिले में वर्तमान में कार्यरत 99 हजार ग्रामीण नरेगा से अपनी रोजी रोटी कमा रहे हैं।
मनरेगा के जिला समन्वयक भंवरसिंह पंवार ने बताया कि सरकार ने 16 जुलाई से नरेगा के कार्यों का समय बदल दिया है। उन्होंने बताया कि अब यह कार्य सुबह 9 से शाम 5 बजे तक चलाए जाएंगे। पंवार ने बताया कि इससे पहले गर्मी एवं लू को देखते हुए सरकार ने नरेगा कार्यों का समय सुबह 6 से 10 बजे तक किया था। उन्होंने बताया कि सरकार ने इससे पहले जारी आदेश में स्पष्ट कहा था कि 15 जुलाई अथवा वर्षा और मानसून इनमें से जो पहले आए।इस अवधि तक सुबह 6 से 10 बजे तक का समय रहेगा ।इसके बाद नरेगा कार्यों का समय बदल कर सुबह 9 से शाम 5 बजे तक किया जाएगा।
मनरेगा के जिला समन्वयक भंवरसिंह पंवार ने बताया कि सरकार ने 16 जुलाई से नरेगा के कार्यों का समय बदल दिया है। उन्होंने बताया कि अब यह कार्य सुबह 9 से शाम 5 बजे तक चलाए जाएंगे। पंवार ने बताया कि इससे पहले गर्मी एवं लू को देखते हुए सरकार ने नरेगा कार्यों का समय सुबह 6 से 10 बजे तक किया था। उन्होंने बताया कि सरकार ने इससे पहले जारी आदेश में स्पष्ट कहा था कि 15 जुलाई अथवा वर्षा और मानसून इनमें से जो पहले आए।इस अवधि तक सुबह 6 से 10 बजे तक का समय रहेगा ।इसके बाद नरेगा कार्यों का समय बदल कर सुबह 9 से शाम 5 बजे तक किया जाएगा।
गुरुवार, 12 जुलाई 2012
अपराजेय पहलवान रस्तमे हिन्द दारा सिंह रन्धावा
पहलवानी से लेकर फिल्मों में अपना जलवा दिखाने वाले रस्तमे हिन्द दारा सिंह रन्धावा का जन्म पंजाब में अमृतसर के धरमूचक गांव में जाट सिख परिवार में 19 नवंबर 1928 को हुआ था। बचपन से ही बलिष्ठ शरीर के दारा सिंह को पहलवानी का शौक रहा और अपने लाडले के इस शौक को पूरा करने में उनके पिता सूरत सिंह और माता बलवन्त कौर ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
बताया जाता है कि उनकी माताजी उन्हें भैंस के दूध के साथ बादाम की गिरियां, मक्खन और खांड में कूटकर खिलाती थीं और यही देसी नुस्खा इस पहलवान की अपराजेयता में संजीवनी का काम करता रहा। दारा सिंह और उनके छोटे भाई सरदारा सिंह ने कम उम्र में ही पहलवानी शुर कर दी और धीरे-धीरे गांव के अखाड़ों से लेकर देश-विदेश में अपने गांव का नाम रोशन किया।
मलेशियाई कुश्ती चैम्पियन बने -
दारा सिंह 1947 में सिंगापुर चले गए और उन्होंने वहां भारतीय स्टाइल की कुश्ती में मलेशियाई पहलवान तरलोक सिंह को हराकर मलेशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप जीती और फिर उन्होंने पेशेवर पहलवान के रप में सभी देशों में अपनी धाक जमा दी।
विश्व चैम्पियन किंगकांग को चटाई धूल -
दारा सिंह ने पेशेवर पहलवान के रूप में विदेशों में जमकर कुश्तियां लड़ीं और 1952 में भारत आए और यहां भी कुश्तियां लडते हुए 1954 में भारतीय चैम्पियन का खिताब हासिल किया। उन्होंने सभी राष्ट्रमंडल देशों में कुश्तियां लड़ीं और विश्व चैम्पियन किंगकांग को धूल चटाई।
1959 में राष्ट्रमंडल चैम्पियन बने -
दारा सिंह ने 1959 में कलकत्ता में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैम्पियनशिप में कनाडा के चैम्पियन जार्ज गर्डियान्को और न्यूजीलैंड के जान डिसिल्वा के गुरर को तोड़ा और यह चैम्पियनशिप अपने नाम कर ली।
अपराजेय रहे -
वे फ्री स्टाइल कुश्तियों में एक मिसाल बन गए और 29 मई 1968 को अमरीका के विश्व चैम्पियन लाऊ थेज को हराकर प्री स्टाइल कुश्ती का विश्व चैम्पियन खिताब जीता। उन्होंने 1983 में कुश्ती से संन्यास लिया था और उस समय तक उन्हें अपराजेय पहलवान का दर्जा हासिल था। उन्होंने 500 से अधिक पेशेवर प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया।
देश का सबसे सफल शहर है दिल्ली
उद्यमियों और पेशेवर लोगों के लिए दिल्ली देश का सबसे सफलता वाला शहर है जिसे प्रतिस्पर्धा सूची में लगातार तीसरी बार पहला स्थान हासिल हुआ है।
राजधानी से सटे हरियाणा के गुडगांव को सफलता की दृष्टि से छठा स्थान मिला है जबकि उत्तर प्रदेश का नोएडा सफल दस प्रमुख शहरों की सूची में आठवें स्थान पर है। हरियाणा का ही फरीदाबाद नगर भी उच्च वृद्धि दर के कारण प्रतिस्पर्धा सूची में 29वें स्थान पर है।
देश की आर्थिक राजधानी के रुप में स्थापित मुंबई नगर प्रतिस्पर्धा की दृष्टि से दिल्ली से आगे नहीं निकल पाया। हालांकि उसने अपना दूसरा स्थान कायम रखा है। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई ने अपनी स्थिति में सुधार करते हुए तीसरे स्थान को हासिल किया।
राजधानी से सटे हरियाणा के गुडगांव को सफलता की दृष्टि से छठा स्थान मिला है जबकि उत्तर प्रदेश का नोएडा सफल दस प्रमुख शहरों की सूची में आठवें स्थान पर है। हरियाणा का ही फरीदाबाद नगर भी उच्च वृद्धि दर के कारण प्रतिस्पर्धा सूची में 29वें स्थान पर है।
देश की आर्थिक राजधानी के रुप में स्थापित मुंबई नगर प्रतिस्पर्धा की दृष्टि से दिल्ली से आगे नहीं निकल पाया। हालांकि उसने अपना दूसरा स्थान कायम रखा है। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई ने अपनी स्थिति में सुधार करते हुए तीसरे स्थान को हासिल किया।
एक प्रमुख अध्ययन संस्था प्रतिस्पर्धा संस्थान की ओर से वर्ष 2012 की रिपोर्ट में देश के पचास नगरों का आंकलन किया गया है। यह रिपोर्ट यहां एक समारोह में जारी की गई जिसमें सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग और प्रमुख उद्यमी उपस्थित थे।
प्रतिस्पर्धा की दृष्टि से सफल पहले दस नगर इस प्रकार हैं: दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, गुड़गांव, बेंगलूरु, नोएडा, अहमदाबाद और पुणे हैं।
अपेक्षाकृत छोटे शहरों में उत्तर प्रदेश के नगर पिछड़ रहे हैं तथा प्रतिस्पर्धा सूची में लखनऊ, आगरा और इलाहाबाद निचले स्थानों पर खिसक गए हैं। दूसरी ओर कोयम्बटूर, मैसूर और मदुरै और गुवाहटी जैसे शहर ऊपर आ गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार राजधानी दिल्ली की सफलता का राज यहां उच्च आर्थिक दर और मांग एवं विकास के बीच संतुलन कायम रहना है। हालांकि रिपोर्ट में दिल्ली के प्रशासन और संस्थागत व्यवस्था में सुधार जरुरत बताई गई है।
प्रतिस्पर्धा की दृष्टि से सफल पहले दस नगर इस प्रकार हैं: दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, गुड़गांव, बेंगलूरु, नोएडा, अहमदाबाद और पुणे हैं।
अपेक्षाकृत छोटे शहरों में उत्तर प्रदेश के नगर पिछड़ रहे हैं तथा प्रतिस्पर्धा सूची में लखनऊ, आगरा और इलाहाबाद निचले स्थानों पर खिसक गए हैं। दूसरी ओर कोयम्बटूर, मैसूर और मदुरै और गुवाहटी जैसे शहर ऊपर आ गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार राजधानी दिल्ली की सफलता का राज यहां उच्च आर्थिक दर और मांग एवं विकास के बीच संतुलन कायम रहना है। हालांकि रिपोर्ट में दिल्ली के प्रशासन और संस्थागत व्यवस्था में सुधार जरुरत बताई गई है।
सब दुखी हैं 'हनुमान' की मौत पर
दारा सिंह के निधन के बाद पूरे बॉलीवुड और उनके प्रशंसको के बीच दुख की लहर फैल गई है। कलाकारों से लेकर आम आदमी तक अपने फेवरिट हीरो को अंतिम विदाई दे रहा है। दारा सिंह के निधन पर किसने क्या कहा, जानिए यहां।
अमिताभ बच्चन ने कहा है कि आज सुबह दारा सिंह जी नहीं रहे। एक महान भारतीय और बेहतरीन इंसान। गया। उनकी मौजूदगी में बिताया गया पूरा एक युग खत्म हो गया।
महेश भट्ट कहते हैं कि मैं बचपन से ही दारा सिंह का फैन था। उनके जाने से दुनिया उजड़ गई, ऐसा ही कुछ लग रहा है।
मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि मैं उनके जाने को शब्दों में बयान नहीं कर सकता हूं। मैं उनका बचपन से फैन था। वह बहुत अच्छे इंसान थे। उनके जाने से मुझे काफी नुकसान हुआ है।
भाग्यश्री कहतीहैं कि मजबूत शरीर की पहचान दारा सिंह जी हमारे साथ नहीं रहे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने दारा सिंह की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि अखाड़े से लेकर बड़े परदे तक पर उन्होंने कई पीढ़ियों का दिल जीता। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
मनोज वाजपेयी कहते हैं कि मजबूत शरीर की पहचान दारा सिंह जी हमारे साथ नहीं रहे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
शनिवार, 31 मार्च 2012
'जयपुर मेयर के आगे मुख्यमंत्री की भी नहीं चलती'
विवाह स्थलों को सील करने का मुद्दा शुक्रवार को विधानसभा में गूंजा। भाजपा के मोहनलाल गुप्ता ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि नगर निगम शादियों के सीजन में शहर भर में विवाह स्थलों को सीज कर रहा है। परेशान टेंट व्यवसायी मुख्यमंत्री से मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि सील की कार्रवाई गलत है। इसके बावजूद जयपुर मेयर ने अफसरों को बुलाकर डांटा और एक स्पेशल टीम बनाकर विवाह स्थलों को सील करने को कहा।
गुप्ता ने कहा कि नगर निगम में तानाशाही चल रही है। हठ कई तरह के होते हैं, बाल हठ, त्रिया हठ और राज हठ, ये तीनों हठ जयपुर मेयर में हैं। मेयर के आगे सीएम की भी नहीं चलती, जिस तरह तानाशाही और भ्रष्टाचार का शासन नगर निगम में चल रहा है। न मंत्री की सुनती,न पार्षद की सुनती और न विधायकों की सुनती। सरकार को दखल देकर विवाह स्थलों को सील की कार्रवाई रुकवानी चाहिए। सरकार शादी ब्याह के लिए जगह उपलब्ध करवाए।
शाही सवारी निकाली
गोठ मांगलोद स्थित दधिमति माता मंदिर में माता की शाही सवारी निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में माता के भक्त सम्मिलित हुए। सवारी मंदिर से कपाल कुंड तक लाई गई। इस दौरान श्रद्धालु नाचते गाते और जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। इधर मंदिर में दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा। आसपास के गांवों सहित राजस्थान के बाहर से भी लोग माता के दर्शनों के लिए यहां पहुंचे। मंदिर में प्रसाद चढ़ाने और मन्नतें मांगने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
सोमवार, 26 मार्च 2012
गहलोत का बजट "चुनावी": वसुंधरा
नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे ने गहलोत की ओर से पेश किए गए बजट-2012-13 को "चुनावी" बजट करार दिया है। राजे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस बजट को पूर्व की तरह घोषणाओं वाला और चुनावी बताया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि तीन साल पहले भाजपा ने जिन योजनओं की घोषओं की थी कांग्रेस तीन वर्ष बाद अब लेकर आया है। इन योजनाओं को पहले साल में ही लागू कर दिया जाता तो अभी तक आमजन तक लाभ पहुंचना शुरू हो जाता।
पहले की पूरी नहीं, फिर भी नई घोषणाएं
वसुंधरा राजे ने कहा, शहरी बीपीएल आवासीय योजना पर बोलते हुए राजे ने कहा कि इससे पूर्व ग्रामीण आवासीय योजना के 50 हजार मकानों की घोषणा ही पूरी नहीं हो पाई है तो ऎसे में यह नई योजना कैसे पूरी होगी। राजे ने कहा, जहां तक सिंचाई योजना की बात है, अलग-अलग जिलों में हमारी योजनाओं को दोहराया गया। पिछले बजट में भी ऎसी ही घोषणाएं की गई थी, लेकिन मुझे लगता है अगले साल भी पूरी नहीं होने वाली।
बढ़ोत्तरी हुई तो कहां गई बिजली ?
राजे ने बजट में ऊर्जा उत्पादन में बढ़ोत्तरी की बात पर कहा, यदि यहां बढ़ोत्तरी हुई है तो कहां गई बिजली ? गांवों में आज भी पॉवर कट जारी है। और जिन परियोजनाओं की बात की जा रही है वह हमारे कार्यकाल में ही शुरू हो चुकी है, यदि हमें 6 महीने ओर मिल जाते तो इनमें से अधिकांश शुरू हो जाती।
पहले की पूरी नहीं, फिर भी नई घोषणाएं
वसुंधरा राजे ने कहा, शहरी बीपीएल आवासीय योजना पर बोलते हुए राजे ने कहा कि इससे पूर्व ग्रामीण आवासीय योजना के 50 हजार मकानों की घोषणा ही पूरी नहीं हो पाई है तो ऎसे में यह नई योजना कैसे पूरी होगी। राजे ने कहा, जहां तक सिंचाई योजना की बात है, अलग-अलग जिलों में हमारी योजनाओं को दोहराया गया। पिछले बजट में भी ऎसी ही घोषणाएं की गई थी, लेकिन मुझे लगता है अगले साल भी पूरी नहीं होने वाली।
बढ़ोत्तरी हुई तो कहां गई बिजली ?
राजे ने बजट में ऊर्जा उत्पादन में बढ़ोत्तरी की बात पर कहा, यदि यहां बढ़ोत्तरी हुई है तो कहां गई बिजली ? गांवों में आज भी पॉवर कट जारी है। और जिन परियोजनाओं की बात की जा रही है वह हमारे कार्यकाल में ही शुरू हो चुकी है, यदि हमें 6 महीने ओर मिल जाते तो इनमें से अधिकांश शुरू हो जाती।
गुरुवार, 22 मार्च 2012
जायल तहसील के प्रमुख स्कूल
Govt Sec.school in Akora Village
Govt Sec.school in Borwa Village
Govt Sec.school in Chawad Village
Govt Sec.school in Chhajoli Village
Govt Sec.school in Dugastau Village
Govt Sec.school in Gorau Village
Govt Sec.school in Jhareli Village
Govt Sec.school in Kathoti Village
Govt Sec.school in Khinyala Village
Govt Sec.school in Peendiya Village
Govt Sec.school in Phardod Village
Govt Sec.school in Surpaliya Village
Govt Sec.school in Tarnau Village
Govt Sec.school in Unchaira Village
Govt.sr.sec.school[g]
Govt.sr.sec.school in Deh Village
Govt.sr.sec.school in Janewa Village
Govt.sr.sec.school in Jayal Village
Govt.sr.sec.school in Kamediya Village
Govt.sr.sec.school in Khatoo Kalan Village
Govt.sr.sec.school in Rol Village
Govt.sr.sec.school in Rotoo Village
Homeschooled in Nagaur - Jayal
Indian Public Sec.school
Jai Hind Sec.school
Rajasthan Sec. School
Saraswati Sec School
Tagore Pu.sec.school
Govt Sec.school in Borwa Village
Govt Sec.school in Chawad Village
Govt Sec.school in Chhajoli Village
Govt Sec.school in Dugastau Village
Govt Sec.school in Gorau Village
Govt Sec.school in Jhareli Village
Govt Sec.school in Kathoti Village
Govt Sec.school in Khinyala Village
Govt Sec.school in Peendiya Village
Govt Sec.school in Phardod Village
Govt Sec.school in Surpaliya Village
Govt Sec.school in Tarnau Village
Govt Sec.school in Unchaira Village
Govt.sr.sec.school[g]
Govt.sr.sec.school in Deh Village
Govt.sr.sec.school in Janewa Village
Govt.sr.sec.school in Jayal Village
Govt.sr.sec.school in Kamediya Village
Govt.sr.sec.school in Khatoo Kalan Village
Govt.sr.sec.school in Rol Village
Govt.sr.sec.school in Rotoo Village
Homeschooled in Nagaur - Jayal
Indian Public Sec.school
Jai Hind Sec.school
Rajasthan Sec. School
Saraswati Sec School
Tagore Pu.sec.school
रविवार, 11 मार्च 2012
सीए से जानिए टैक्स रियायतों का कुछ खास फंड़ा
नौकरीपेशा लोग ऐसे किसी भी खर्च को दिखा नहीं पा रहे हैं, जिसका वे तर्कसंगत आधार दे सकें। हर साल आने वाले बजट की तरह इस वर्ष के केंद्रीय बजट से भी आम आदमी सरकार से टैक्स छूट की सीमा बढ़ाए जाने की उम्मीद कर रहा है। वेतनभोगियों को मिलने वाले भत्ते बच्चों की शिक्षा, परिवहन, मेडिकल आदि पर मिलने वाली छूट की सीमा उस समय तय की गई थी, जब देश में मुद्रास्फीति की दर बहुत कम थी।
इस बजट से ये उम्मीद
1. सेक्शन-80 सी के तहत आयकर की छूट सीमा एक लाख रुपए से बढ़ाकर तीन लाख रुपए हो।
2. परिवहन एवं यातायात पर मिलने वाली टैक्स छूट 800 रुपए से बढ़ाकर 3200 रुपए प्रतिमाह हो।
3. 15000 रुपए तक के इलाज खर्च पर आयकर छूट है। इसे बढ़ाकर 50,000 रुपए किए जाने की उम्मीद।
4. वेतनभोगियों को 30 से 40 हजार का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलना चाहिए।
कॉर्पोरेट की तुलना में तनख्वाह वालों से जुड़ी ये विसंगति
खुली किताब है आय-खर्च वेतनभोगियों पर तो सैलेरी के साथ ही टैक्स लग जाता है। क्योंकि सैलेरी पहले से ही घोषित होती है। जबकि कॉर्पोरेट या बिजनेसमैन अपने खचरें को घटाकर आय भी दिखा सकते हैं। वे यह हिसाब अलग-अलग टैक्स को ध्यान में रखकर कर सकते हैं।
टैक्स छूट
वेतनभोगी को निर्धारित रकम में से अधिक से अधिक 1.20 लाख रुपए वापस मिलते हैं किन्तु अन्य किसी स्रोत की आवक से ऐसी कोई कटौती नहीं मिलती। पांच वर्ष पहले 30 हजार से अधिक स्टैंडर्ड डिडक्शन वेतनभोगियों को मिलता था। जो वेतनभोगियों के खर्च के रूप में दिया जाता था किन्तु उसे बंद कर दिया गया।
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