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शनिवार, 31 मार्च 2012

'जयपुर मेयर के आगे मुख्यमंत्री की भी नहीं चलती'


विवाह स्थलों को सील करने का मुद्दा शुक्रवार को विधानसभा में गूंजा। भाजपा के मोहनलाल गुप्ता ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि नगर निगम शादियों के सीजन में शहर भर में विवाह स्थलों को सीज कर रहा है। परेशान टेंट व्यवसायी मुख्यमंत्री से मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि सील की कार्रवाई गलत है। इसके बावजूद जयपुर मेयर ने अफसरों को बुलाकर डांटा और एक स्पेशल टीम बनाकर विवाह स्थलों को सील करने को कहा।

गुप्ता ने कहा कि नगर निगम में तानाशाही चल रही है। हठ कई तरह के होते हैं, बाल हठ, त्रिया हठ और राज हठ, ये तीनों हठ जयपुर मेयर में हैं। मेयर के आगे सीएम की भी नहीं चलती, जिस तरह तानाशाही और भ्रष्टाचार का शासन नगर निगम में चल रहा है। न मंत्री की सुनती,न पार्षद की सुनती और न विधायकों की सुनती। सरकार को दखल देकर विवाह स्थलों को सील की कार्रवाई रुकवानी चाहिए। सरकार शादी ब्याह के लिए जगह उपलब्ध करवाए।

शाही सवारी निकाली



गोठ मांगलोद स्थित दधिमति माता मंदिर में माता की शाही सवारी निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में माता के भक्त सम्मिलित हुए। सवारी मंदिर से कपाल कुंड तक लाई गई। इस दौरान श्रद्धालु नाचते गाते और जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। इधर मंदिर में दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा। आसपास के गांवों सहित राजस्थान के बाहर से भी लोग माता के दर्शनों के लिए यहां पहुंचे। मंदिर में प्रसाद चढ़ाने और मन्नतें मांगने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।





सोमवार, 26 मार्च 2012

गहलोत का बजट "चुनावी": वसुंधरा

नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे ने गहलोत की ओर से पेश किए गए बजट-2012-13 को "चुनावी" बजट करार दिया है। राजे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस बजट को पूर्व की तरह घोषणाओं वाला और चुनावी बताया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि तीन साल पहले भाजपा ने जिन योजनओं की घोषओं की थी कांग्रेस तीन वर्ष बाद अब लेकर आया है। इन योजनाओं को पहले साल में ही लागू कर दिया जाता तो अभी तक आमजन तक लाभ पहुंचना शुरू हो जाता। 
पहले की पूरी नहीं, फिर भी नई घोषणाएं
वसुंधरा राजे ने कहा, शहरी बीपीएल आवासीय योजना पर बोलते हुए राजे ने कहा कि इससे पूर्व ग्रामीण आवासीय योजना के 50 हजार मकानों की घोषणा ही पूरी नहीं हो पाई है तो ऎसे में यह नई योजना कैसे पूरी होगी। राजे ने कहा, जहां तक सिंचाई योजना की बात है, अलग-अलग जिलों में हमारी योजनाओं को दोहराया गया। पिछले बजट में भी ऎसी ही घोषणाएं की गई थी, लेकिन मुझे लगता है अगले साल भी पूरी नहीं होने वाली।
बढ़ोत्तरी हुई तो कहां गई बिजली ?
राजे ने बजट में ऊर्जा उत्पादन में बढ़ोत्तरी की बात पर कहा, यदि यहां बढ़ोत्तरी हुई है तो कहां गई बिजली ? गांवों में आज भी पॉवर कट जारी है। और जिन परियोजनाओं की बात की जा रही है वह हमारे कार्यकाल में ही शुरू हो चुकी है, यदि हमें 6 महीने ओर मिल जाते तो इनमें से अधिकांश शुरू हो जाती।