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गुरुवार, 5 दिसंबर 2013

जायल कॉलेज की संबद्धता के लिए कार्रवाई शुरू, जल्द भरे जाएंगे ऑनलाइन फार्म

जायल की राजकीय महाविद्यालय की विश्वविद्यालय से संबद्धता के संबंध में शीघ्र ही समाधान होने की उम्मीद है। इसके लिए कॉलेज प्रशासन ने उच्च शिक्षा निदेशालय के माध्यम से विश्वविद्यालय को पत्र भेजकर निर्देशित किया है। विश्वविद्यालय के परीक्षा उप कुलसचिव डॉ. एचएस यादव ने बताया कि महाविद्यालय से संबद्धता संबंधित आवेदन पत्र की पुन: मांग की है। उसके मिलते ही शीघ्र कॉलेज को कोड नंबर जारी कर दिए जाएंगे। महाविद्यालय के प्राचार्य बीआर रिणवां ने बताया कि उन्होंने शिक्षा निदेशालय के माध्यम से संबद्धता आवेदन के लिए पत्र भेजने की मांग है। इस पर निदेशालय ने विश्वविद्यालय को अवगत करा दिया है। संबद्धता आवेदन को प्रतिनिधि के साथ भिजवाया है। शीघ्र ही नियमित विद्यार्थियों के मुख्य परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन शुरू होने की उम्मीद है। परीक्षा केन्द्र नागौर के मिर्धा कॉलेज में रखा जाएगा।
छात्र नेता नवीन बटेसर ने छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए उपखण्ड अधिकारी एवं कालेज प्रशासन से इस पर जल्द से जल्द कार्रवार्इ की मांग की। 

मंगलवार, 25 जून 2013

550 पदों पर भर्ती के लिए मांगे ऑनलाइन आवेदन

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम में 550 पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। जनसंपर्क अधिकारी सुधीर भाटी ने बताया कि 24 जुलाई 2013 तक आवेदन किए जा सकेंगे।
इन पदों पर होगी भर्ती : रोडवेज में 550 पदों के लिए होने वाली भर्ती में परिवहन निरीक्षक पद पर 16, सहायक यातायात निरीक्षक पर 40, कनिष्ठ अभियंता (अ) पर 27, कनिष्ठ अभियंता (ब) पर 56, कनिष्ठ विधि अधिकारी पर 17, श्रम कल्याण निरीक्षक 10, कनिष्ठ लेखाकार पर130,संगणक पर 26, उप भंडार निरीक्षक पर 33, कनिष्ठ लिपिक पर 195 पदों पर नियुक्ति की जाएगी। आवेदक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकता है।
रोडवेज में पूछताछ के लिए पहुंचे : बेरोजगार युवक-युवतियां सुबह से ही रोडवेज कार्यालय में नियुक्ति के आवेदन संबंधित जानकारी के लिए पहुंच गए।
जोनल मैनेजर ने बताया कि आवेदकों को नियुक्ति से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराया जा रहा है ताकि उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।

गुरुवार, 20 जून 2013

सोनिया गांधी के "राम राम सा" ने किया सबको कायल


अपना जायल 

सोनिया गांधी ने गुरूवार को अपने उदबोधन की शुरूआत "राम राम सा" से कर नागौर जिले के जायल कस्बे में आयोजित विशाल जनसमूह में उपस्थित एक लाख से अधिक ग्रामीण पुरूष एवं महिलाओं को अभिभूत एवं मंत्र मुग्ध कर दिया। राज्य की सबसे बड़ी पेयजल परियोजना के शिलान्यास समारोह में श्रीमती गांधी ने अपने भाषण की शुरूआत नागरिकों से राम राम सा करके की। नागरिकों ने भी पूर्ण उत्साह एवं जोश के साथ प्रत्युत्तर में "राम राम सा" करके उनका अभिनन्दन किया


जायल में देश की सबसे बड़ी ग्रामीण पेयजल परियोजना


सोनिया गांधी ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान सरकार अच्छा कार्य कर रही है और प्रदेश तेजी से प्रगति कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के लिए राजस्थान सरकार का आज का यह कदम महत्वपूर्ण कदम है और इस योजना के पूर्ण होने से नागौर जिले को मीठा पानी मिलने लगेगा। 

सोनिया गांधी गुरूवार को नागौर जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर जायल में राजस्थान ग्रामीण पेयजल और फ्लोराइड निराकरण परियोजना के तहत देश की सबसे बड़ी ग्रामीण पेयजल परियोजना के आधारशिला रखने के पश्चात आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस जिले के घर-घर तक इंदिरा गांधी नहर का मीठा पानी पहुंचने लगेगा। 

उन्होंने कहा कि नागौर जिले में हमेशा से पीने के पानी की दिक्कत रही है और खारे पानी से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब ये मुश्किलें दूर हो जाएंगी और मेरी बहनों को इस समस्या से निजात मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पुराने समय में राजस्थान के कईं ऐसे क्षेत्रों में जहां पीने के पानी की समस्या होती थीं, वहां नागरिक अपनी बेटियां देना पसंद नहीं करते थे लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है।

सोमवार, 17 जून 2013




सोनिया गांधी 20 को जायल में

कल निरीक्षण करने आएंगे गहलोत

अपना जायल।

जायल के इतिहास में एक और नया इतिहास बनने जा रहा है जब राहुल के बाद यूपीए चेयरमेन सोनिया गांधी का पर्दापण जायल में होगा तब इतिहास में एक नया नाम जुड़ जाएगा कि केन्द्र में सत्तारूढ दल की चेयरपर्सन जायल में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना राजस्थान ग्रामीण पेयजल एवं फ्लोरोसिस निराकरण परियोजना का शुभारंभ करेंगी।
यह योजना लगभग 3 हजार करोड़ रूपये की होगी। इस योजना के तहत जायल में पंपिंग स्टेशन भी बनेगा।

वसुंधरा की उम्मीदों को झटका.....
वसुंधरा गांधी जब सुराज संकल्प यात्रा में नागौर जिले के दौरे पर थी तो एक ही भाषण था जब वह सत्ता में आएंगी तो नागौर को मीठे पानी की सौगात देंगी। उसको अभी पन्द्रह दिन भी नहीं हुए कि कांग्रेस ने  इस योजना को अमलीजामा पहनाने की ठानते हुए इस योजना के शुभारंभ करने की तारीख भी घोषित दी। फिलहाल बीजेपी को नागौर में इस योजना के साथ ही बैकफुट पर धकेल दिया है।

कांग्रेस की बैठक
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राज्यमंत्री मंजूदेवी मेघवाल के नेतृत्व में कांग्रेस के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की बैठक हुई जिसमें प्रचार-प्रसार का जिम्मा बूथ स्तर पर प्रत्येक गांव-गांव तक पहुंचाने लिए अलग-अलग कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई।

रविवार, 2 जून 2013

राजे की सुराज संकल्प यात्रा कल जायल में.....


अपना जायल।
बीजेपी की  सुराज यात्रा का पड़ाव कल दोपहर जायल में पहुंच रहा है। वसुंधरा के नेतृत्व में सुराज सकल्प यात्रा का नागौर जिले में प्रवेश 1 जून को हो गया है जिसका असर पूरे नागौर जिले में देखने को मिल रहा है चाहे अखबर हो या दीवारे सब जगह पोस्टर व होर्डिंग से पाट दिया गया है। बीजेपी के पदाधिकारी जायल सरपंच मनीराम बासट, मंजू बाघमार, सुरेन्द्र पंवार, भाजयुमो के विजयपाल, गोविन्द चतुर्वेदी, सुरेश  लोमरोड़, पप्पू मेहला, संदीप चतुर्वेदी सहित सभी कार्यकर्ता दिन-रात एककर वसुंधरा की यात्रा को सफल बनाने में लगे हुए है।

गुरुवार, 30 मई 2013

वसुंधरा की यात्रा से सियासत गरमाई

अपना जायल।

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे की सुराज यात्रा 3 जून को जायल पहुंच रही है। यात्रा को लेकर बीजेपी जहां ज्यादा से ज्यादा भीड़ इकठठा करने में जुटी हुई है। भाजपा में टिकट के उम्मीदवार ज्यादा से लोगों को अपने साथ लाकर शक्ति प्रदर्शन करने के मूढ़ में है। वहीं कांग्रेस भी संदेश यात्रा को लेकर पूरे जिले भर में अपनी उपब्धियों को पहुंचाने के लिए कमर कस ली है। भाजपा युवा मोर्चा में वसुंधरा की यात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह है पर बाकी भाजपा कार्यकर्ता अभी भी तैयार नहीं है। 

क्या गुल खिलाएगी संदेश और सुराज

बीजेपी सत्ता विरोधी लहर व सुराज के माध्यम से चुनाव मैदान में
कांग्रेस जनकल्याणकारी योजनाओं के दम पर भर रही हुंकार

अपना जायल।
चुनावी वर्ष में चुनावी माहौल के बीच गरमाती सियासत और इस बीच दो दिग्गजो की यात्राएं संदेश और सुराज। चुनावी वर्ष की आहट होते ही बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां चुनाव के लिए मैदान में उतर चुकी है। जहां वसुंधरा राजे सुराज संकल्प यात्रा में लगभग आधा पड़ाव पार चुकी है वहीं कांगे्रेस भी इससे कहीं पीछे नहीं है और वो भी 15 जून तक लगभग पूरे राजस्थान को संदेश यात्रा के माध्यम से संदेश देना चाहेगी कि हमने क्या-क्या योजनाएं आपके लिए चलाई है और कौनसी योजनाएं लागू होगी। सुराज यात्रा के माध्यम से बीजेपी अच्छा राज देने की संकल्पना के साथ-साथ कांगे्रस सरकार की विफलता का पूरा फायदा उठाने चाहेगी।

कौन सही कौन गलत?

बीजेपी और कांग्रेस दोनो की पार्टियां भ्रष्टाचार पर कुछ भी नहीं बोली रही है और निजी टिप्पणियां कर सुर्खियां बंटोरना इनकी आदत बन गई है। चाहे गहलोत हो या वसुंधरा दोनों की एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की जड़ी लगा देते है पर दोनों ही विकास के लिए इतना कुछ क्येां नहीं करते जितना राजस्थान को विकास की आवश्यकता है।
गहलोत वसुंधरा पर भ्रष्टाचार के आरोप तो लगाते है पर उन आरोपों की जांच अभी तक क्यों नहीं हुई इस पर चुप्पी साध लेते है।
वसुंधरा भी गहलोत पर आरोप लगाती रही है कि उनके बेटे के संबंध मुंबई में बिजनेस में कई लोगों से है तो गहलोत उनको फायदा पहुंचाते है अगर ऐसा था तो वसुंधरा ने कभी भी इस मुद्दे को ज्यादा तूल क्यों नहीं दिया।

जनकल्याणकारी योजना का फायदा कांग्रेस को

प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक तरह से फ्री दवा योजना, पेंशन योजना व अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं के द्वारा बीजेपी को बैकफुट पर जरूर धकेल दिया है पर कई जगह कांग्रेस सरकार फ्लॉप भी साबित हुई जैसे स्वाइन फ्लू, तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती आदि।

सत्ता विरोध के सहारे बीजेपी

बीजेपी इस चुनाव में सिर्फ सत्ता विरोधी लहर के सहारे चुनाव में खड़ी है जिसका फायदा बीजेपी कहां तक उठाती है यह भविष्य के गर्त में है। बीजेपी को इस बार सरकार के खिलाफ कोई बड़ा मुद्दा नहीं मिलने वाला है क्योंकि कांग्रेस की पिछले 6 महीने में राजस्थान में स्थिति बहुत हद तक सुधर गई, जिसका श्रेय जनकल्याणकारी योजनाओं को जाता है।

बुधवार, 29 मई 2013

नक्सली भी डरते थे उस ‘बस्तर के टाइगर’ महेंद्र कर्मा से

बस्तर में माओवादी आतंकवाद के खिलाफ महेंद्र कर्मा सही मायने में आखिरी आवाज थे। वे आदिवासियों की अस्मिता, उनके स्वाभिमान और उनकी पहचान के प्रतीक थे। भाजपा दिग्गज बलिराम कश्यप के निधन के बाद महेंद्र कर्मा का चले जाना जो शून्य बना रहा है, उसे कोई आसानी से भर नहीं पाएगा।

कर्मा यूं ही बस्तर टाइगर नहीं कहे जाते थे। उनका स्वभाव और समझौते न करने की उनकी वृत्ति ने उन्हें यह नाम दिलाया था। माओवादियों की इस अकेले आदमी से नफरत का अंदाजा आप इस बात से  लगा सकते हैं कि उन वहशियों ने कर्मा जी के शरीर पर छप्पन गोलियां दागीं, उनके शरीर को बुरी तरह चोटिल किया और वहां डांस भी किया। कल्पना करें यह काम भारतीय राज्य की पुलिस ने किया होता तो मानवाधिकारवादियों का गिरोह इस घटना पर कैसी हाय-तौबा मचाता। किंतु नहीं, बस्तर के इस वीर के लिए उनके पास सहानुभूति के शब्द भी नहीं हैं, वे यहां भी किंतु-परंतु कर रहे हैं। टीवी पर बोलते हुए ये माओवादी समर्थक बुद्धिजीवी और तथाकथित संभ्रात लोग इस घटना को ‘जस्टीफाई’कर रहे हैं।

महेंद्र कर्मा सच में बस्तर के सपूत थे। एक आदिवासी परिवार से आए कर्मा ने कम समय में ही समाज जीवन में जो जगह बनाई उसके लिए लोग तरसेंगें। यह साधारण नहीं है कि माओवादियों की विशाल सेना भी इस निहत्थे आदमी से डरती थी। इसलिए वे आत्मसमर्पण करने के बावजूद मारे जाते हैं। क्योंकि माओवादियों को पता है कि महेंद्र कर्मा मौत से डरने और भागने वाले इंसानों में नहीं थे। बस्तर से निर्दलीय सांसद का चुनाव जीतकर उन्होंने बता दिया था कि वे वास्तव में बस्तर के लोगों के दिल में रहते हैं। सांसद, विधायक, राज्य सरकार में मंत्री का पद हो या नेता प्रतिपक्ष का पद उनके व्यक्तित्व के आगे सब छोटे थे। कर्मा अपने सपनों के लिए और अपनों के लिए जीने वाले नेता थे।

सलवा जूडूम के माध्यम से उन्होंने जो काम प्रारंभ किया था वह काम भले कुछ शिकायतों के चलते बंद हो गया और सुप्रीम कोर्ट को इसमें दखल देनी पड़ी, पर जब युद्ध चल रहा हो तो लड़ाई सामान्य हथियारों से नहीं लड़ी जाती। उस समय उन्हें जो उपयोगी लगा उन्होंने किया। हिंसा के खिलाफ हिंसा, सिद्धांतः गलत है पर सामने जब दानवों की सेना खड़ी हो,जहरीले नाग खड़े हों जो भारतीय समाज और लोकतंत्र के शत्रु हों, उनसे लड़ाई लड़ने के लिए कौन से हथियार चाहिए, इसे शायद कर्मा जी ही जानते थे। अपनी शहादत से एक बार फिर उन्होंने यह साबित किया है कि माओवादियों से संवाद और बातचीत के भ्रम में सरकारें पड़ी रहीं, तो वे यूं ही निर्दोषों का खून बहाते रहेंगें।  

सोमवार, 20 मई 2013

भीषण गर्मी का कहर, कई जगह तापमान 45 डिग्री से ऊपर

मई के महीने में राजधानी तपती गर्मी से जल रही है। हालांकि रविवार को दिल्ली में औसत तापमान करीब 44.5 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा, लेकिन आयानगर में पारे ने 45 डिग्री के स्तर को छू लिया। आने वाले दिनों में औसत तापमान 45 डिग्री के पार गया तो मई में अधिकतम तापमान का अब तक का रिकॉर्ड भी टूट सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक आज और कल दिल्ली और एनसीआर में गर्म हवा के तेज थपेड़े चल सकते हैं।

घरों से बाहर नहीं निकल रहे दिल्‍ली वाले 

चिलचिलाती-तपती गर्मी के इस प्रकोप ने जहां दिलवालों की दिल्ली को घरों में समेट दिया है, वहीं बाहर निकलने वाले लोग सूरज के कहर से बचने के लिए तमाम तरह के उपाए करते देखे गए। तपते सूरज तले-जलते पानी ने ठंडक का अहसास कम कर दिया। परिंदे भी पेड़ों की छांव में सुकून नहीं पा रहे। इंडिया गेट पर जहां रेगिस्तान में दिखने वाली मरीचिका नजर आ रही है। फिर भी रविवार के दिन यहां सैकड़ों सैलानी जुटे। टोपी-आईसक्रीम-पानी-शर्बत। गर्मी से बचने की उनकी हर तरकीब नाकाफी साबित हुई। ये उस तापमान का कहर है जिसने रविवार को आयानगर इलाके में 45 डिग्री का स्तर भी छू लिया। 

टूट सकते हैं सारे पुराने रिकॉर्ड 

मई में गर्मी का ये हाल कई साल के अधिकतम तापमान को पीछे छोड़ सकता है। 1998 में दिल्ली के पालम में 41 डिग्री सेल्सियस और 1944 में सफदरजंग में 47.2 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया था। गर्मी का ये हाल साफ आसमान-तेज धूप और उत्तर-पश्चिम गर्म हवाओं की वजह से है। इसी वजह से अब लू भी चलने लगी है।

रविवार, 19 मई 2013

क्रमोन्नति पर मची होड़ .....


अपना जायल ।
उच्च प्राथमिक से माध्यमिक, माध्यमिक से उच्च माध्यमिक स्कूलों की क्रमोन्नति पूरे राजस्थान में हुई है पर नागौर जिले में इसका श्रेय लेने की भी होड़ मची हुई है।
एक ही जगह के विद्यालयों की क्रमोन्नति का श्रेय दो-दो लोग ले रहे है और लोगों को भ्रमित किया जा रहा है।

मुश्किलों भरा ‘रेल टिकट’ बुक कराना

छुट्टियां हो गई हैं ऐसे में हर कोई अपनी दादी-नानी के घर या घूमने जाने का प्लान बनाता है। और जब वो इसके लिए रेल टिकट बुक करता है तो काफी मशक्कत के बाद भी उसे रेल टिकट हासिल नहीं हो पाता। रिजर्वेशन कराया लेकिन सीट कंफर्म नहीं हुई, तत्काल टिकट लेने गए तो पता चला समय से पहले ही सारे के सारे रेल टिकट बुक हो गए और जब इन सबसे भी बात नहीं बनी और ब्रोकर के जरिए टिकट लेना चाहा तो वहां भी पैसों की बारिश करने के बाद भी निराशा ही हाथ लगती है। 

नए रेल बजट के बाद तत्काल रेल टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए तत्काल रेल टिकट बुकिंग 8 की बजाए 10 बजे की और उसे सिर्फ यात्रियों के लिए खोला ताकि ब्रोकर टिकट न खरीद पाएं लेकिन ब्रोकरों ने दूसरा रास्ता निकाल कर यात्रियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी। 

तत्काल रेल टिकट बुकिंग के नए नियम


अब तत्काल टिकटों की बुकिंग सुबह 8 बजे की जगह सुबह 10 बजे से शुरू होगी। ट्रेन के शुरुआती स्टेशन से खुलने के एक दिन पहले से तत्काल बुकिंग हो सकेगी। इसके अलावा, बुकिंग ओपन होने के 2 घंटे के दौरान (सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच) रेलवे के अधिकृत एजेंट भी ऑनलाइन या टिकट खिड़की से तत्काल टिकटों की बुकिंग नहीं करा सकेंगे। आईआरसीटीसी की वेबसाइट से रिजर्वेशन कराने पर अब एक आईपी एड्रेस से एक बार में सिर्फ दो टिकट बुक होंगे। दिन में 10 से 12 बजे के बीच कोई एजेंट तत्काल टिकट नहीं ले सकेगा। किसी एजेंट की यूजर आईडी के इस्तेमाल किए जाने पर उसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा। 

एजेंट्स से ई-रेल टिकट बुक कराना अपराध

अब सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे के दौरान एजेंट्स के जरिए रेलवे ई-टिकट खरीदना आपको भारी पड़ सकता है। रेलवे ने साफ किया है कि अगर कोई पैसेंजर इस समय सीमा के बीच एजेंट से टिकट खरीद कर यात्रा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे की समय सीमा के दौरान टिकट बुक करने का अधिकार सिर्फ यात्रियों को है, एजेंट्स को नहीं। रेलवे ने ये कदम एजेंटों की मनमानी के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर उठाया है। साथ ही, रेलवे ने यात्रियों को उन एजेंट्स से सावधान रहने की सलाह दी है जो टिकट बुकिंग और कैंसलेशन पर तय चार्ज से ज्यादा वसूलते हैं।

ऑथोराइज्ड एजेंट्स की लिस्‍ट जारी करेगा रेलवे 

यात्रियों की मदद के लिए आईआरसीटीसी जल्दी ही ऑथोराइज्ड एजेंटस की लिस्ट वेबसाइट पर डालेगा। इसके पहले भी रेलवे ने ऐसे कदम उठाए हैं जिससे यात्रियों को तत्काल या सामान्य टिकट मिलने में दिक्कतें ना हों। इन कदमों के तहत तत्काल टिकट बुकिंग का समय सुबह आठ बजे से बढ़ाकर दस बजे कर दिया गया है। साथ ही, एडवांस टिकट बुकिंग की अवधि भी 120 दिनों से घटाकर 60 दिन कर दी गई है। 

रिजर्वेशन, कैंसिलेशन और तत्काल टिकट महंगा

सेकेंड क्लास में टिकट कैंसिल करने पर अब 20 की जगह 30 रुपए कटेगा। जबकि स्लीपर में 30 और 40 की बजाय 60 रूपए कटेगा। वेटिंग और आरएसी के टिकट कैंसिल कराने पर अब 15 और 30 रूपए देने होंगे। सेकेंड और स्लीपर क्लास में आरक्षण शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है लेकिन बाकी श्रेणियों में इसमें इजाफा किया गया है, लेकिन सभी श्रेणियों के सरचार्ज में इजाफा किया गया है। सेकेंड और स्लीपर क्लास में यह शुल्क मौजूदा 10 और 20 रूपए से बढ़ाकर 15 और 30 रूपए कर दिया गया है।

ई-टिकट बुक कराना होगा आसान

आईआरसीटीसी से टिकट बुक कराने पर ट्रांजैक्शन फेल्ड जैसी दिक्कत से आपको छुटकारा मिलने वाला है। रेल टिकट  की ऑनलाइन बुकिंग को आसान बनाने के लिए आईआरसीटीसी एक नई स्कीम ‘रोलिंग डिपॉजिट स्कीम’ (आरडीएस) लॉन्च करने की तैयारी में है। आरडीएस स्कीम में आप आईआरसीटीसी के खाते में एडवांस पैसा जमा कर टिकट की बुकिंग करा सकते हैं। ये एक जमा खाते की तरह काम करेगा जिसे आप टॉप-अप भी करा सकते है। अभी ऑनलाइन टिकट के पेमेंट थर्ड पार्टी गेटवे के जरिए होता है। इस जरिए से टिकट बुक होने में काफी वक्त लगता है। कई बार बैंक का गेटवे व्यस्त होने की वजह से टिकट बुक नहीं हो पाती। इसी मुश्किलों से लोगों को बचाने के लिए आईआरसीटीसी ये पहल कर रहा है। आरडीएस स्कीम में रजिस्टर करावाने के लिए आपको 250 रुपये का चार्ज लगेगा। इसके अलावा अकाउंट में कम से कम 1,500 से 2,000 रुपये भी जमा करवाने होंगे।

1 मिनिट में 7,200 रेल टिकट होगी बुक 

रेल बजट पेश में नई ई-टिकटिंग प्रणाली शुरू हुई जिससे ऑनलाइन टिकट बुकिंग की गति तेज हुई। ये नई प्रणाली में एक मिनट के भीतर 7,200 टिकट बुक करने की क्षमता है, जबकि मौजूदा क्षमता एक मिनट में 2,000 टिकट बुक करने की है। 

तीन साल बाद ऐसी होगी संजय दत्त की जिंदगी!


संजय दत्त को अब तीन साल के लिए भूल जाइए। 1993 मुंबई बम धमाका केस में अवैध हथियार रखने के आरोप में वो जेल जा चुके हैं। फिलहाल तो वो अखबारों और न्यूज चैनलों की सुर्खियों में हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट पर भी चर्चा में हैं। लेकिन तीन सालों में बहुत कुछ बदल सकता है। हमारी याददाश्त बड़ी कमजोर होती है। जब तक संजय पूरी हो चुकी फिल्में रिलीज होंगी तब तक वो हमें याद आते रहेंगे लेकिन फिर धीरे-धीरे वो आखिरी पन्नों की खबर बन जाएंगे और फिर दो सालों बाद शायद खबरों से भी दूर हो जाएं। तीन साल बाद उनकी जिंदगी कैसी होगी उससे पहले जानते हैं उनकी अभी की जिंदगी कैसी है और जेल में रहते हुए उनका वक्त कैसा बीतने वाला है।

आईपीएल हावी हुआ संजय के गम पर!

अभी आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग की खबरों ने ही संजू बाबा की विदाई को फीका कर दिया। सभी चैनल कंफ्यूज दिखाई दिए कि किस बात पर शोर किया जाए। संजय के जेल जाने पर या फिर शिल्पा शेट्टी की आईपीएल टीम राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ियों के काले कारनामों पर। और आखिर में जीत हुई स्पॉट फिक्सिंग की। संजय दत्त की विदाई हाशिए पर चली गई। यहां तक की जेल जाने से पहले उनसे आखिरी बार मिलने और उनका जेल तक साथ देने के लिए भी कोई बड़ा सितारा नहीं पहुंचा। पहुंचे तो बस कुछ गिनेचुने दोस्त और परिवार के सदस्य। बाकि शायद शिल्पा की टीम की खबरों में उलझ गए थे। 

जेल में ‘भगवान भरोसे’ संजू बाबा!

संजय दत्त के लिए जेल में एक महीने तक घर का खाना आएगा। उसके बाद उन्हें जेल का ही खाना मिलेगा। खास बात ये है कि इस बार उन्हें जेल में बावर्ची का काम करना होगा जिसके लिए उन्हें 25 रुपए दिन पगार भी मिलेगी। संजय दत्त की मांग पर टाडा कोर्ट ने उन्हें अपने साथ घर का गद्दा, तकिया, हनुमान चालीसा, रामायण, भगवद्गीता, टूथपेस्ट, शैम्पू, हवाई चप्पल, कुर्ता-पायजामा, मच्छरों को दूर रखनेवाली अगरबत्ती और एक पंखा ले जाने की इजाजत दी है। उनकी हनुमान चालीसा, रामायण, और भगवद्गीता की मांग को देखकर लगता है कि जेल में रहकर संजय अपना ध्यान भक्ति में लगाने वाले हैं। 

2013 में संजय का करियर खत्म! 

संजय जिन फिल्मों की शूटिंग पूरी कर गए हैं वो उनके जेल में रहते हुए ही रिलीज होंगी। इनमें हम हैं राही कार के, पुलिसगिरी, जंजीर, उंगली और पीके जैसी फिल्में शामिल हैं। अजीब इत्तेफाक है कि पुलिस की गिरफ्त में संजू बाबा हम हैं राही कार में खुद पुलिसवाले का किरदार निभा रहे हैं। हालांकि फिल्म में उनका रोल ज्यादा बड़ा नहीं है। ये फिल्म 24 मई को रिलीज हो रही है। वहीं रिमेक जंजीर में संजय शेरखान के रोल में नजर आएंगे जिसे ओरिजनल जंजीर में महान अभिनेता प्राण ने निभाया था। ये फिल्म जून के आखिरी में या जुलाई में रिलीज करने की योजना है। प्रोड्यूसर टीपी अग्रवाल की फिल्म पुलिसगिरी में भी संजय पुलिस वाले के रोल में हैं। ये फिल्म 25 जुलाई को रिलीज हो सकती है। इमरान हाशमी और कंगना राणावत स्टारर फिल्म उंगली में भी संजय नजर आएंगे। करन जौहर इस फिल्म के प्रोड्यूसर हैं और इसे रेंसिल डिसिल्वा ने डायरेक्ट किया है। इस फिल्म की रिलीज डेट 6 सितम्बर तय की गई है। आमिर खान स्टारर राजकुमार हीरानी की फिल्म पीके एकमात्र ऐसी फिल्म है जो अगले साल रिलीज होगी। हालांकि इस फिल्म में भी संजय का गेस्ट अपीयरेंस है। यानि संजय की लगभग सभी प्रमुख फिल्में 2013 में ही रिलीज हो जाएंगी और उसके बाद कम से कम दो साल तक संजय बड़े पर्दे पर नजर नहीं आएंगे। जेल से रिहा होने के बाद उन्हें कितनी फिल्में मिलेंगी ये तो वक्त ही बताएगा।

बुधवार, 17 अप्रैल 2013

राम सदाचार के प्रतीक



भारत पर्वों का देश है, रामनवमी ऐसा ही एक पर्व है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को प्रतिवर्ष नये विक्रम सवंत्सर का प्रारंभ होता है और उसके आठ दिन बाद ही चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी को एक पर्व राम जन्मोत्सव का जिसे रामनवमी के नाम से जाना जाता है, समस्त देश में मनाया जाता है। इस देश की राम और कृष्ण दो ऐसी महिमाशाली विभूतियाँ रही हैं जिनका अमिट प्रभाव समूचे भारत के जनमानस पर सदियों से अनवरत चला आ रहा है। रामनवमी, भगवान राम की स्‍मृति को समर्पित है। राम सदाचार के प्रतीक हैं, और इन्हें "मर्यादा पुरूषोतम" कहा जाता है। रामनवमी को राम के जन्‍मदिन की स्‍मृति में मनाया जाता है। राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है, जो पृथ्वीपर अजेय रावण (मनुष्‍य रूप में असुर राजा) से युद्ध लड़ने के लिए आए। राम राज्‍य (राम का शासन) शांति व समृद्धि की अवधि का पर्यायवाची बन गया है। रामनवमी के दिन, श्रद्धालु बड़ी संख्‍या में उनके जन्‍मोत्‍सव को मनाने के लिए राम जी की मूर्तियों को पालने में झुलाते हैं। इस महान राजा की काव्‍य तुलसी रामायण में राम की कहानी का वर्णन है।

मर्यादा पुरुषोत्तम

भगवान विष्णु ने राम रूप में असुरों का संहार करने के लिए पृथ्वी पर अवतार लिया और जीवन में मर्यादा का पालन करते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। आज भी मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्मोत्सव तो धूमधाम से मनाया जाता है पर उनके आदर्शों को जीवन में नहीं उतारा जाता। अयोध्या के राजकुमार होते हुए भी भगवान राम अपने पिता के वचनों को पूरा करने के लिए संपूर्ण वैभव को त्याग 14 वर्ष के लिए वन चले गए और आज देखें तो वैभव की लालसा में ही पुत्र अपने माता-पिता का काल बन रहा है।

राम का जन्म

पुरूषोतम भगवान राम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में कौशल्या की कोख से हुआ था। यह दिन भारतीय जीवन में पुण्य पर्व माना जाता हैं। इस दिन सरयू नदी में स्नान करके लोग पुण्य लाभ कमाते हैं।

रामनवमी की पूजा

हिंदू धर्म में रामनवमी के दिन पूजा की जाती है। रामनवमी की पूजा के लिए आवश्‍यक सामग्री रोली, ऐपन, चावल, जल, फूल, एक घंटी और एक शंख हैं। पूजा के बाद परिवार की सबसे छोटी महिला सदस्‍य परिवार के सभी सदस्‍यों को टीका लगाती है। रामनवमी की पूजा में पहले देवताओं पर जल, रोली और ऐपन चढ़ाया जाता है, इसके बाद मूर्तियों पर मुट्ठी भरके चावल चढ़ाये जाते हैं। पूजा के बाद आ‍रती की जाती है और आरती के बाद गंगाजल अथवा सादा जल एकत्रित हुए सभी जनों पर छिड़का जाता है।

गुरुवार, 11 अप्रैल 2013

नवदुर्गा और दस महाविधाओं में काली ही प्रथम



शक्ति की उपासना का पर्व शारदेय नवरात्र प्रतिपदा से नवमी तक निश्चित नौ तिथि, नौ नक्षत्र, नौ शक्तियों की नवधा भक्ति के साथ सनातन काल से मनाया जा रहा है। सर्वप्रथम श्रीरामचंद्रजी ने इस शारदीय नवरात्रि पूजा का प्रारंभ समुद्र तट पर किया था और उसके बाद दसवें दिन लंका विजय के लिए प्रस्थान किया और विजय प्राप्त की । तब से असत्य, अधर्म पर सत्य, धर्म की जीत का पर्व दशहरा मनाया जाने लगा। आदिशक्ति के हर रूप की नवरात्र के नौ दिनों में क्रमशः अलग-अलग पूजा की जाती है। माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है। ये सभी प्रकार की सिद्धियाँ देने वाली हैं। इनका वाहन सिंह है और कमल पुष्प पर ही आसीन होती हैं । नवरात्रि के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है।
नवदुर्गा और दस महाविधाओं में काली ही प्रथम प्रमुख हैं। भगवान शिव की शक्तियों में उग्र और सौम्य, दो रूपों में अनेक रूप धारण करने वाली दस महाविधाएँ अनंत सिद्धियाँ प्रदान करने में समर्थ हैं। दसवें स्थान पर कमला वैष्णवी शक्ति हैं, जो प्राकृतिक संपत्तियों की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी हैं। देवता, मानव, दानव सभी इनकी कृपा के बिना पंगु हैं, इसलिए आगम-निगम दोनों में इनकी उपासना समान रूप से वर्णित है। सभी देवता, राक्षस, मनुष्य, गंधर्व इनकी कृपा-प्रसाद के लिए लालायित रहते हैं।

रविवार, 31 मार्च 2013

कनिष्ठ लिपिकों की होगी भर्ती

पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग में शीघ्र ही कनिष लिपिकों की भर्ती होगी। राज्य सरकार ने हाल ही 474 कनिष्ठ लिपिकों के नए पद स्वीकृत किए हैं। इसके अलावा 15 कम्प्यूटर प्रोग्रामर भी नियुक्त किए जाएंगे।
आरपीएससी के माध्यम से होगी भर्ती प्रक्रिया
विभाग के अधिकारियों के अनुसार एलडीसी एवं कम्प्यूटर प्रोग्रामर की नियुक्ति के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करेगा। पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग शीघ्र ही भर्ती की अनुशंसा राज्य सरकार को भेजेगा। इसके बाद सरकार की ओर आयोग को भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए जाएंगे।

मोदी की छह साल बाद बीजेपी की संसदीय समिति में वापसी

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की छह साल बाद बीजेपी की संसदीय समिति में वापसी हो गई है। भाजपा का यही संसदीय समिति 2014 के आम चुनाव की अगुआई करेगी। समिति ही पार्टी में फैसले लेने वाली सबसे ताकतवर समिति है। संसदीय बोर्ड में वह अकेले मुख्यमंत्री हैं। इससे साफ हो गया है कि केंद्रीय राजनीति में मोदी का कद बढ़ चुका है और अगले लोकसभा चुनाव में उनकी बड़ी भूमिका होने जा रही है। राजनीतिक गलियारे में मोदी की वापसी को भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किए जाने की ओर उनके बढ़ते कदम के तौर पर देखा जा रहा है। दीगर बात है कि पिछली बार भी राजनाथ सिंह ने ही मोदी को पार्टी के संसदीय बोर्ड में लेकर आए थे लेकिन एक साल बाद ही मोदी को हटाना पड़ा था।

सोमवार, 25 मार्च 2013

आप सभी को होली की शुभकामनाएं : मरुधर ऑफसेट जायल , आप सभी को होली की शुभकामनाएं : अपना जायल


होली पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं

राजस्थान की राज्यपाल माग्रेट अल्वा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों को होली की शुभकामनाएं एवं बधाईयां दी हैं। अल्वा ने अपने संदेश में कहा कि होली का पवित्र त्योहार रंगों के साथ ही मित्रता और आनन्द का भी परिचायक हैं। राजस्थान सद्भाव के रंगों के लिए मशहूर है तथा पर्वो और नृत्य के मौकों पर लोगों केरंग-बिरंगे परिधान यहां की विविधता में एकता को दर्शाते हैं।

मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने संदेश में कहा कि उमंग एवं आत्मीयता सेजुडा होली का त्योहार एक दूसरे के साथ मिलकर खुशियां बांटने का अवसर देता है। उन्होंने कहा कि रंगों के इस आनन्दोत्सव पर पानी का अपव्यय रोकने तथा गुलाल से होली खेलने की परम्परा को अपनाने की जरूरत हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे होली पर शांति-सद्भाव और गंगा-जमना संस्कृति की परम्परा को बनाये रखें। 

विधानसभा अध्यक्ष ने भी दी शुभकामनाएं

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि रागरंग का यह पर्व वसन्त का संदेशवाहक है जब प्रकृति में पूर्ण उल्लास रहता हैं। यह पर्व आपसी वैर भाव को भुलाकर मेल-मिलाप बनाये रखने का अवसर देता हैं। इसके अलावा विधानसभा उपाध्यक्ष रामनारायण मीणा एवंसरकारी मुख्य सचेतक रघाु शर्मा ने भी होली के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी। 

शुक्रवार, 1 मार्च 2013

जायल विधानसभा सीट पर होगी कांटे की टक्कर


अपना जायल

राजस्थान विधानसभा चुनाव की चुनावी बिसात शुरू हो चुकी है उसी तरह जायल विधानसभा सीट पर नेता अपनी चुनावी तैयारियां करने लगे है। जहां तक कांग्रेस की बात है वहां एक ही उम्मीदवार है तो फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के पैनल में कई उम्मीदवार है उनमें से बीजेपी किस उम्मीदवार पर भरोसा जताती है फिलहाल यह तय नहीं हैं।
जहां एक तरफ बीजेपी को सत्ता विरोधी लहर का पूरा फायदा मिलने वाला है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस विधायक के राजस्थान सरकार में मंत्री होने का थोडा बहुत फायदा कांग्रेस को भी मिलने वाला है। लेकिन जीत का सेहरा उसी के सिर बंधेगा बाबा के वोटों को अपनी ओर खींचने में सफल होग, भले ही कांग्रेस जायल सीट को नागौर जिले में सेफ सीट मानकर चल रही हो। जो भी हो इस बार विधानसभा चुनाव में लोगों को कांटे की टक्कर होने की उम्मीद लगने लगी है।

सत्ता विरोधी लहर का फायदा

बीजेपी को इस चुनाव में सत्ता विरोधी लहर का पूरा फायदा मिलने की उम्मीद है जिस तरह कांग्रेस हाल ही में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती, स्वायन फ्लू आदि जगह फ्लॉप साबित हुइ्र है उसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलने वाला है।

कांग्रेस को मंत्री होने से फायदा

कांग्रेस को जायल विधायक मंजूदेवी मेघवाल के मंत्री व जिलाध्यक्ष बनने का फायदा होगा। जायल विधायक पर सरकार ने जिस तरह दो पद देकर भरोसा जताया है उससे लोगों की नजरों में इनका कद बढा है।

बीजेपी पर भारी संशय

भारतीय जनता पार्टी की टिकट में कई नेता होने से लोगों केा संशय है कि उनके उम्मीदवार को टिकट मिलेगी या नहीं जिसका नुकसान  बीजेपी को होगा।

गुरुवार, 21 फ़रवरी 2013

एम.ए, एम.काम, एम.एससी का टाइम टेबल जारी






अपना जायल न्यूज

ऍम डी एस  विवि ने आज एम.ए., एम.काॅम, एम.एससी प्रथम व द्वितीय वर्ष का टाइम टेबल जारी कर दिया। एम.ए. की परीक्षाएं 14 मार्च से षुरू होंगी व एम.काॅम व एम.एससी की परीक्षाएं 21 मार्च से शुरू  होंगी। जल्द बी.ए. द्वितीय व तृतीय वर्श के प्रवेष पत्र वेबसाइट पर डाउनलोड कर दिए जाएंगे।

शुक्रवार, 25 जनवरी 2013

प्रेम,एकता और ताकत का प्रतीक


गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है, 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ, बस तभी से देश गणतंत्र हुआ और उसी उपलक्ष मे गणतंत्र दिवस हर वर्ष मनाया जाता है। 26 जनवरी 1950 को जिस दिन हमारा संविधान लागू हुआ तबी से भारत को अपन संवैधानिक ताक मिली। इस दिन के बाद से ही भारत में एक पूरी तरह से रिपब्लिकन इकाई बन गई।

गणतंत्र दिवस का इतिहास सन 1929 के दिसंबर में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ जिसमें प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई कि यदि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी, 1930 तक भारत को उपनिवेश का पद (डोमीनियन स्टेटस) नहीं प्रदान करेगी तो भारत अपने को पूर्ण स्वतंत्र घोषित कर देगा।

26 जनवरी, 1930 तक जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं किया तब कांग्रेस ने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ किया। उस दिन से 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त होने तक 26 जनवरी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा। तदनंतर स्वतंत्रता प्राप्ति के वास्तविक दिन 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकार किया गया। 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए विधान निर्मात्री सभा (कांस्टीट्यूएंट असेंबली) द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता प्रदान की गई।

एकता और ताकत का प्रतीक गणतंत्र दिवस आज गणतंत्र दिवस पूरे देश में बहुत उत्साह और विशेष रूप से राजधानी में के साथ मनाया जाता है, लालकिले पर सबसे पहले हमारे देश के प्रथम नागरिक के तौर पर मौजुद देश के राष्ट्रपति देश का तिरंगा फैलाया जाता है। उसके बाद राष्ट्रपति द्वारा देश के बहादुर लोगों को सम्मानित किया जाता है। इस मौके पर एक परेढ निकाली जाती है जो राजघाट से होती हुई विजयघाट पर समाप्त होती है। इस मौके पर देश के तीनो वायु, थल और जल के जवान अपने कौशल दिखाते है और स्कूल के बच्चे रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। हमारा देश खुश रहे, आबाद रहे और तरक्की करता रहे, इसी दुआ के साथ apna jayal भी पूरे देश वासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता है।

शनिवार, 12 जनवरी 2013

2271 पटवारियों की होगी भर्ती

राज्य में 2271 पटवारियों की भर्ती होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी है। भर्ती की विज्ञप्ति इसी माह जारी हो सकती है। 

पटवारियों के कुल पदों में से 825 की भर्ती नव सृजित पटवार मंडलों के लिए होगी। उच्च न्यायालय के निर्णय के तहत आयु सीमा में छूट की घोषणा के बाद सेवारत पटवारी से भू-अभिलेख निरीक्षक बनाने के लिए 62 पद बढ़ाए गए हैं। अब 93 के स्थान पर 155 पटवारी विभागीय परीक्षा के जरिए आईएलआर बन पाएंगे। पटवारी से भू-अभिलेख निरीक्षक बनने के लिए कम से कम 5 व अधिक से अधिक से 48 साल से सेवारत पटवारी आवेदन कर सकेंगे।