रविवार, 11 मार्च 2012

सीए से जानिए टैक्स रियायतों का कुछ खास फंड़ा


नौकरीपेशा लोग ऐसे किसी भी खर्च को दिखा नहीं पा रहे हैं, जिसका वे तर्कसंगत आधार दे सकें। हर साल आने वाले बजट की तरह इस वर्ष के केंद्रीय बजट से भी आम आदमी सरकार से टैक्स छूट की सीमा बढ़ाए जाने की उम्मीद कर रहा है। वेतनभोगियों को मिलने वाले भत्ते बच्चों की शिक्षा, परिवहन, मेडिकल आदि पर मिलने वाली छूट की सीमा उस समय तय की गई थी, जब देश में मुद्रास्फीति की दर बहुत कम थी।
इस बजट से ये उम्मीद
1. सेक्शन-80 सी के तहत आयकर की छूट सीमा एक लाख रुपए से बढ़ाकर तीन लाख रुपए हो।
2. परिवहन एवं यातायात पर मिलने वाली टैक्स छूट 800 रुपए से बढ़ाकर 3200 रुपए प्रतिमाह हो।
3. 15000 रुपए तक के इलाज खर्च पर आयकर छूट है। इसे बढ़ाकर 50,000 रुपए किए जाने की उम्मीद।
4. वेतनभोगियों को 30 से 40 हजार का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलना चाहिए।

  कॉर्पोरेट की तुलना में तनख्वाह वालों से जुड़ी ये विसंगति
  खुली किताब है आय-खर्च वेतनभोगियों पर तो सैलेरी के साथ ही टैक्स लग जाता है। क्योंकि सैलेरी पहले से ही घोषित होती है। जबकि कॉर्पोरेट या बिजनेसमैन अपने खचरें को घटाकर आय भी दिखा सकते हैं। वे यह हिसाब अलग-अलग टैक्स को ध्यान में रखकर कर सकते हैं।
 
टैक्स छूट
वेतनभोगी को निर्धारित रकम में से अधिक से अधिक 1.20 लाख रुपए वापस मिलते हैं किन्तु अन्य किसी स्रोत की आवक से ऐसी कोई कटौती नहीं मिलती। पांच वर्ष पहले 30 हजार से अधिक स्टैंडर्ड डिडक्शन वेतनभोगियों को मिलता था। जो वेतनभोगियों के खर्च के रूप में दिया जाता था किन्तु उसे बंद कर दिया गया।

  

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